पुलिस पर एक हिस्ट्रीशीटर की बेटी को पीट-पीट कर मारने का आरोप

विकास दूबे के एनकाउंटर के दौरान यूपी पुलिस पर चारों तरफ से सवाल उठे थे, बावजूद इसके विधानसभा चुनाव में जनता ने योगी सरकार को भरपूर प्यार दिया और दूसरी बार राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया अब सत्ता पर बैठने के कुछ ही दिन बाद यूपी पुलिस एक बार फिर से कटघरे में हैं। यूपी पुलिस पर एक हिस्ट्रीशीटर की बेटी को पीट-पीट कर मारने का आरोप लगा है। घटना चंदौली जिले के मनराजपुर गांव की है। जहां कथित गैंगस्टर कन्हैया यादव को पकड़ने के लिए पुलिस की छापेमारी के दौरान 21 वर्षीय लड़की की मौत हो गयी। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने घर में मौजूद दोनों बेटियों को खूब पीटा है जिसके कारण एक बेटी की मौत हो गयी। मौत कैसे हुए उसकी जानकारी अभी तक साफ नहीं है लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए एक पुलिस निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

परिवार ने आरोप लगाया है कि निशा यादव की मौत उस समय चोटों के कारण हुई जब पुलिस ने उनके साथ मारपीट की। पुलिस के साथ हुए विवाद के दौरान निशा की बहन को भी कथित तौर पर चोट लग गई। समाचार एजेंसी एएनआई ने हालांकि एसपी अंकुर अग्रवाल के हवाले से कहा है कि प्रथम दृष्टया मौत आत्महत्या का मामला लग रहा है। वहीं मृतक की बहन ने आरोप लगाया है कि पुलिस कर्मियों ने उसकी बहन को पीट-पीट कर मार डाला और फिर उसे आत्महत्या का रूप देने के लिए उसे फांसी पर लटका दिया।

निशा यादव की छोटी बहन गुंजा यादव ने इंडिया टुडे को बताया कि पुलिस रविवार को उनके घर में घुसी और बिना कोई कारण बताए या वारंट दिखाए उनकी पिटाई करने लगी। उनके विरोध के बावजूद दोनों लिंगों के पुलिस अधिकारियों ने उन्हें पीटा। गुंजा ने कहा हमने विरोध किया। मेरी बहन अंदर भागी और दरवाजा बंद करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने उसे पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी। उन्होंने मुझे भी पीटा। मेरी बहन की मदद के लिए चीखें अचानक बंद हो गईं। जब वह आखिरकार उस कमरे के अंदर गई, जिसमें उसकी बड़ी बहन भागी थी, उसने देखा कि निशा पंखे से लटकी हुई है। गुंजा ने कहा कि फंदा निशा के गले में बंधा हुआ था और उसके पैर अभी भी फर्श से टकरा रहे थे। उसने अपनी बहन के गले में साड़ी से बना फंदा खोला और उनकी सांस और नब्ज को चेक किया। लेकिन तब तक निशा की मौत हो चुकी थी।

क्या मिला पोस्ट मार्टम

गुंजा और उसके परिवार के दावों के विपरीत, निशा के पोस्टमॉर्टम में कहा गया है कि उसके शरीर में कोई आंतरिक या बाहरी चोट नहीं थी। इसमें आगे कहा गया है कि चूंकि मौत का कारण स्पष्ट नहीं है, इसलिए विसरा के नमूने को परीक्षण के लिए संरक्षित किया गया है। हालांकि लड़की के शरीर पर दो निशान पाए गए, गले के सामने खरोंच और बाएं जबड़े से 0.5 सेंटीमीटर नीचे मामूली चोट के निशान मिले।

हिस्ट्रीशीटर अपने पिता कन्हैया यादव को गिरफ्तार करने के लिए मनराजपुर गांव में अपने घर गई निशा यादव को पुलिस ने कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला था। निशा के परिवार की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर पुलिस कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है। सैयद राजा थाने के एसएचओ को आरोपों के मद्देनजर निलंबित कर दिया गया है।

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