राजस्थान में बिजली और पानी का संकट गहरा गया है। अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की जनता से संकट की घड़ी में भागीदारी निभाते हुए बिजली और पानी बचाने की अपील की है।
सीएम गहलोत ने ट्विटर पर ट्वीट कर लिखा कि मई-जून महीने में पड़ने वाली भीषण गर्मी इस महीने अप्रैल में ही शुरू हो गई है। वर्तमान में पूरा देश बिजली संकटा से जूझ रहा है। राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है। मांग और आपूर्ति में अंतर बढ़ा है। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से खरीद के लिए भी बिजली उपलब्ध नहीं है। पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए भी राज्य सरकार अपना पूरा प्रयास कर रही है। आप सभी से भी अपील है कि बिजली पानी का सीमित और विवेकपूर्ण इस्तेमाल करें और पानी और बिजली बचाएं।
बिजली की मांग 35 फीसदी बढ़ी
उन्होंने लिखा कि मार्च और अप्रैल से ही भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग प्रदेश में 35 फीसदी बढ़ी है। हालांकि, बिजली संकट अकेले राजस्थान की समस्या नहीं है। देश के 16 राज्यों में 2 से 10 घंटे की बिजली कटौती हो रही है। इसकी एक वजह यह भी है कि कोयला सप्लाई में समस्याएं और सीमित स्टॉक उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में रोस्टर पद्धति के अनुसार बिजली की कटौती हो रही है। उद्योगों में 50 फीसदी तक बिजली कटौती का निर्णय किया गया है। हालांकि, आवश्यक सेवाओं को बिजली कटौती से पूरी तरीके से मुक्त रखा गया है।
लोगों से की अपील
पेयजल को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सुचारू पेयजल व्यवस्था के लिए सभी जिला कलेक्टर को अधिकृत किया गया है। वर्तमान में पेयजल की कमी वाले 4142 गांव, 43 शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन 6654 टैंकर ट्रिप के जरिए जल परिवहन की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने लोगों से अपील भी की है कि एयर कंडीशन और कूलर को अनावश्यक चलाने से बचें। साथ ही जरूरत होने पर ही दोपहर में बाहर निकले क्योंकि लू और तापघात से कई बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है।
