महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) और उनके विधायक पति रवि राणा की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं. उन्हें मुंबई सेशंस कोर्ट (Mumbai Sessions Court) से बुधवार (4 मई) को जमानत मिल तो गई है. लेकिन जेल से रिहाई का ऑर्डर उनके हाथ नहीं आया है. इसलिए राणा दंपत्ति को आज की रात भी जेल में ही काटनी पड़ेगी. राणा दंपत्ति की टीम कल सुबह कोर्ट से रिलीज ऑर्डर हासिल करेगी. इसके बाद उनकी रिहाई हो सकेगी. इस वक्त नवनीत राणा मुंबई की भायखला जेल में हैं और रवि राणा नवी मुंबई की तलोजा जेल में हैं. बुधवार की सुबह ग्यारह बजे सुनवाई करते हुए मुंबई सेशंस कोर्ट ने उन्हें कई शर्तों के साथ जमानत दी है.
राणा दंपत्ति की जमानत की शर्तों में उन्हें मीडिया से बात करने के लिए मना किया गया है. उनसे पुलिस पूछताछ में सहयोग करने को कहा गया है. पुलिस से भी कहा गया है कि जब पूछताछ या कोई कार्रवाई करनी हो तो राणा दंपत्ति को 24 घंटे पहले इसकी सूचना दी जाए. इससे पहले शनिवार (30 अप्रैल) को ही कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी थी. दोनों पक्षों की दलीलें पूरी हो चुकी थीं. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था और सोमवार को फैसला देने की बात कही गई थी. सोमवार को कोर्ट ने पहले दोपहर तीन बजे फैसला सुनाने की बात कही. तीन बजे खबर आई की शाम पांच बजे फैसला होगा. पांच बजे के बाद कोर्ट ने काम काज की व्यवस्तता की बात कर के और मंगलवार को ईद की छुट्टी होने की वजह से बुधवार को फैसले की तारीख दे दी. बुधवार को किसी तरह से सुबह 11 बजे जमानत का फैसला आया और 12 दिनों के बाद राणा दंपत्ति के लिए राहत की खबर आई तो रिहाई का ऑर्डर शाम तक नहीं आ सका. यानी हद हो गई बात.
तारीख पे तारीख…इंसाफ मिला भी तो फिर अगली तारीख मिली
इससे पहले नवनीत राणा को लाया गया अस्पताल, गरदन की तकलीफ से हो रहा था बुरा हाल
इस बीच नवनीत राणा को बुधवार को मुंबई के जे.जे.अस्पताल में लाया गया. गरदन में दर्द से परेशान होने की वजह से उन्हें मुंबई के भायखला महिला कारागृह से जे.ज.अस्पताल लाना पड़ा. उन्हें ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में चेक अप के लिए भेजा गया. डॉक्टर गरदन के दर्द का विश्लेषण कर रहे हैं.
मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा पढ़ने की कही थी बात, जेल में गुजरे 12 दिन, 12 रात
राणा दंपत्ति ने सीएम उद्धव ठाकरे के निजी निवास मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने की जिद की थी. बाद में उन्होंने अपना फैसला बदल लिया था. फिर भी मुंबई की खार पुलिस ने उन्हें अरेस्ट किया था. उन पर राजद्रोह का केस लगाया गया. कहा गया है कि हनुमान चालीसा पढ़ने के बहाने वे राज्य सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रहे थे. राज्य प्रशासन को चुनौती दे रहे थे और कानून व्यवस्था को खराब कर रहे थे.