मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने 14 साल पहले सरकारी सहायता दिलाने का झांसा देकर 12वीं की नाबालिग छात्रा से रेप किये जाने के मामले में आरोपित आशु कर्णवाल को दोषी ठहराया। कोर्ट ने दोषी को 10 साल कैद की सजा सुनाई। दाेषी पर कोर्ट ने 24 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। दोषी पीड़िता के फूफा का भाई है।
झांसा देकर किया था रेप, जान से मारने की दी थी धमकी
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता किरणपाल कश्यप ने बताया कि शामली जनपद निवासी एक महिला ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर बेटी से रेप का आरोप लगाया था। 10 जुलाई 2008 को थाना शाहपुर में एसएसपी के आदेश पर आशु कर्णवाल पुत्र अशोक कर्णवाल निवासी मोहल्ला महाजना शाहपुर के विरुद्ध रेप की धाराओं में मुदका दर्ज हुआ था। पीड़िता की मां ने मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उसकी ननद का देवर आशु कर्णवाल रिश्तेदारी के चलते अक्सर उसके घर आता जाता रहता था। एक दिन आशु घर आया और उसकी पुत्री जो कि 12वीं कक्षा की छात्रा थी को निर्धन और पिछड़ी जाति संबंधी योजनाओं के तहत सरकारी सहायता दिलाने का फार्म भरवाने की बात कहते हुए अपने साथ ले गया। जिसके बाद उसके साथ कई बार रेप किया गया।
धोखे से शादी के फर्जी कागजात पर कराए थे हस्ताक्षर
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता किरण पाल कश्यप ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई विशेष पोक्सो एक्ट कार्ट-2 के जज छोटे लाल यादव ने की। उन्होंने बताया कि पीड़िता ने कोर्ट में बयान दिये थे कि सरकारी सहायता दिलाने के नाम पर आरोपित आशु कर्णवाल उसे कचहरी ले गया था। जहां उसने धोखे से शादी के कागजों पर हस्ताक्षर करा लिये थे। आरोप था कि जब भी आशु कर्णवाल उसे अपने साथ लेकर जाता था तो उसके साथ रेप करता था। किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी देता था। उन्होने बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपित आशु कर्णवाल को रेप का दोषी ठहराते हुए 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई। दोषी पर 24 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।