ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को किया गिरफ्तार

दिल्ली की केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया है. सत्येंद्र जैन पर ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग  के मामले में की है. सत्येंद्र जैन पर फर्जी कंपनियों के जरिये लेनदेन का आरोप है. सोमवार को ईडी ने हवाला लेन-देन से जुड़े मामले में  सत्येंद्र जैन को गरिफ्तार किया. सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्रीअरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाते है. लंबे समय से उनपर  भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. विपक्षी भाजपा जैन पर आरोप लगाती रही है कि उनके  द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के पैसे से आम आदमी पार्टी चलती है. 

पहले भी लगे हैं भ्रष्टाचार के आरोप और हुई है CBI जांच

पहले सत्येन्द्र जैन और अन्य लोगों के खिलाफ लोक निर्माण विभाग में रचनात्मक टीम की भर्ती में कथित भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था.  तब यह मामला सीबीआई को जांच के लिए सौंपा गया था. लेकिन उक्त  मामले में सीबीआई की चार साल लंबी जांच का नतीजा सिफर ही रहा जिसके कारण जैन के खिलाफ मामला बंद कर दिया गया. उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य एकत्र कर पाने में असफल रहने के बाद एजेंसी ने हाल ही में विशेष अदालत में मामला बंद करने के लिए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल किया.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल के कार्यालय से पीडब्ल्यूडी कार्यों के लिए रचनात्मक टीम की भर्ती के लिए निजी कंपनी को ठेका दिए जाने के अनियमितता की शिकायत मिलने पर सीबीआई ने 28 मई, 2018 को मामला दर्ज किया था. एजेंसी का दावा है कि उसने एक साल तक प्रारंभिक जांच की जिसमें जिसमें उसने मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. शुरुआती जांच के तथ्यों के आधार पर उसने जैन और पीडब्ल्यूडी के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया. हालांकि, आरोपों की चार साल तक जांच करने के बावजूद सीबीआई को भ्रष्टाचार के दावों की पुष्टि और मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले और उसे मामला बंद करना पड़ा.

सीबीआई के प्रवक्ता ने 29 मई, 2018 को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कहा था, ‘मामले में शुरुआती जांच की गई है. आरोप है कि सार्वजनिक पदों पर कम करते हुए आरोपी व्यक्तियों ने जानबूझकर एनआईटी की शर्तें बदलीं ताकि निजी कंपनी निविदा प्रक्रिया में हिस्सा लेने योग्य बन जाए.’ अधिकारी ने कहा था कि यह भी आरोप है कि बजटीय आवश्यकताओं को कुछ असंबंधित मदों में अनधिकृत तरीके से पूरा किया गया जो अनुचित हैं और नियमों का उल्लंघन करते हैं.

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