उत्तर प्रदेश के 2 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। आजमगढ़ और रामपुर में उपचुनाव होने हैं। यह दोनों सीटें आजम खान और अखिलेश यादव के लोकसभा से इस्तीफा देने के बाद खाली हुए थे। इन दोनों सीटों पर भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है। इन सब के बीच खबर यह है कि कांग्रेस दोनों ही सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी। आज दोनों ही सीटों के लिए नामांकन का आखिरी दिन था। हालांकि कांग्रेस ने आज ही दोनों ही सीटों पर उम्मीदवार को नहीं उतारने का फैसला लिया। कांग्रेस की ओर से इसको लेकर एक पत्र भी जारी किया गया है। यह पत्र कांग्रेस के उपाध्यक्ष और प्रशासन प्रभारी योगेश दिक्षित की ओर से जारी किया गया है।
योगेश दीक्षित की ओर से लिखा गया है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस रामपुर व आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी। विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए यह जरूरी है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस स्वयं का पुनर्निर्माण करें जिससे कि 2024 के आम चुनाव में स्वयं को एक मजबूत विकल्प के रूप में पेश कर सकें। आपको बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने पूरा दमखम लगाया था। खुद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पार्टी के लिए जमकर प्रचार किया था। कांग्रेस की ओर से लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा भी दिया गया था। माना जा रहा था कि कांग्रेस इस नारे से महिलाओं को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है। हालांकि जब नतीजे आए तो कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सिर्फ 2 सीट ही जीत पाई है।
वर्तमान में टिकटों की बात करें तो भाजपा की ओर से आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ को टिकट दिया गया है जबकि रामपुर से घनश्याम लोधी चुनावी मैदान में हैं। वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया गया है जबकि रामपुर से आसिम रजा उम्मीदवार होंगे। आजमगढ़ से बसपा ने गुड्डू जमाली को टिकट दिया है। 23 जून को दोनों ही सीटों पर चुनाव होंगे। इसको लेकर फिलहाल उत्तर प्रदेश की राजनीति गर्म हो चुकी है। वहीं कांग्रेस का मैदान से हटना समाजवादी पार्टी के लिए अच्छी खबर है। आजमगढ़ से पहले समाजवादी पार्टी की ओर से सुशील आनंद का नाम आगे आ रहा था। लेकिन आखिरी मौके पर अखिलेश यादव ने यहां से अपने चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को चुनावी मैदान में उतारा है।