बोरवेल में गिरे मासूम को बचाने की कोशिश जारी, तीन दिनों से चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन

छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल में गिरे बच्चे को 43 घंटे बाद भी निकाला नहीं जा सका है। अधिकारियों का कहना है कि 11 वर्षीय बच्चे को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सारे प्रयास विफल रहने के बाद अब रोबोटिक्स इंजीनियर की मदद ली गई है। रोबोटिक्स इंजीनियर महेश अहीर मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने परिजन को भरोसा देते हुए कहा कि सबकुछ ठीक रहा तो बच्चे को आधे घंटे के भीतर निकाल लेंगे। उन्होंने कहा कि हम पहले रोबोट को बोरवेल के अंदर ले जाएंगे, उसके बाद स्थिति का जायजा लेंगे। अगर सबकुछ सही रहा तो 30 मिनट के भीतर बच्चे को बाहर ले आएंगे। वहीं अधिकारियों ने बताया अभी तक लगभग 70 फुट का गड्ढा किया जा चुका है तथा इस कार्य में अभी पांच से छह घंटों का समय और लग सकता है। बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और भारतीय सेना के विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।

रेस्क्यू में लगे लोगों की उम्मीदें बना रखी है राहुल
रविवार सुबह बच्चे में हलचल दिखाई दी है। इसके बाद उसे जूस भी पीने को दिया गया। वह जूस को पी भी लिया। बच्चे की इस कोशिश ने रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे लोगों की उम्मीदें बना रखी है। इतना ही नहीं बोरवेल में गिरा राहुल अब खुद बाल्टी से पानी भरने में मदद कर रहा है। दरअसल, बोरवेल की दीवारों से थोड़ा-थोड़ा पानी रिस रहा और बच्चा ऊपर से भेजे गए बाल्टी में पानी को भरने में मदद कर रहा है।

गड्ढे का मुंह चौड़ा होने की वजह से राहुल को मिल रही राहत
स्थानीय प्रशासन के अनुसार बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे का मुंह जरूर छोटा है, लेकिन अंदर से वह चौड़ा हो गया है। वहीं नीचे पत्थर भी लगे हैं। इसके कारण राहुल उसमें अटका हुआ है। हालांकि उसे काफी चोटें भी आई होंगी। इसके बाद भी उसने हिम्मत बांधी हुई है। 

ऐसे हुआ हादसा
जांजगीर-चंपा के पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि बच्चे का नाम राहुल साहू है। वह शुक्रवार दोपहर खेलने के लिए अपने घर के पीछे गया था। लेकिन ध्यान न रहने के कारण वहां खुले बोरवेल में गिर गया सूचना मिलते ही प्रशासन अलर्ट हो गया। वहीं, शाम चार बजे से बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। 

परिजनों को इस तरह मिली जानकारी
बताया जा रहा है कि परिजनों ने बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो उन्हें घटना की जानकारी हुई। इसके बाद बोरवेल के पास गड्ढा खोदने के लिए जेसीबी का इस्तेमाल किया गया। साथ ही, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को भी जानकारी दी गई। इसके अलावा चिकित्सकों की टीम को भी मौके पर बुला लिया गया, जो बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन पहुंचा रहे हैं। 

बच्चे के पिता ने दी यह जानकारी
बच्चे के पिता लाला राम साहू ने बताया कि यह बोरवेल करीब 80 फीट गहरा है, जो उन्होंने अपने घर के पीछे बने खेत में खुदवाया था। हालांकि, पानी नहीं निकलने पर उसे खुला ही छोड़ दिया गया। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बच्चे को बचाने के लए अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। 

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