सपा नेता आजम खां के खिलाफ शहर कोतवाली में दर्ज यतीमखाना प्रकरण से संबंधित 12 मामलों और गंज थाने में डूंगरपुर बस्ती प्रकरण से संबंधित दर्ज आठ मामलों की एक साथ सुनवाई को लेकर झटका लगा है। कोर्ट ने इन मामलों की एक साथ सुनवाई को लेकर आजम खां के अधिवक्ता की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने 28 जून को मामले की अगली सुनवाई पर आजम खां समेत सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं।
साल 2019 में सपा नेता आजम खां, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन, सपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल और इस्लाम ठेकेदार समेत 20-25 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शहर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। जिसमें आरोप था कि सपा नेता आजम खां के इशारे पर यतीमखाना बस्ती में रह रहे लोगों के साथ मारपीट, लूटपाट की गई। साथ ही उनके घरों को भी ध्वस्त कर दिया गया था। इस प्रकरण में 12 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इस मामले में ही आजम खां के खिलाफ भैंस चोरी तक के आरोप लगे। हालांकि, इन मामलों में आजम खां की जमानत मंजूर हो चुकी है।
इसके साथ ही डूंगरपुर बस्ती में रहने वाले लोगों ने आजम खां और कुछ सपाइयों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए थे। जिनमें आजम खां पर आरोप लगाया था कि उनके इशारे पर बस्ती के लोगों से मारपीट, लूटपाट कर उनके मकानों को ध्वस्त कर दिया गया था। जिसमें आजम खां समेत कई सपाई आरोपी हैं। इस मामले में गंज थाने में 12 मुकदमे दर्ज किए गए थे। जिसमें सभी मामलों में आजम खां की जमानत मंजूर हो चुकी है।
शहर कोतवाली के यतीमखाना प्रकरण से संबंधित सभी 12 मामले और गंज थाने के डूंगरपुर प्रकरण के आठ मामलों की सुनवाई एक साथ किए जाने को लेकर आजम खां के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था। इस मामले में शनिवार को एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) ने अपना फैसला सुना दिया है। सहायक शासकीय अधिवक्ता कमल कुमार गुप्ता ने बताया कि शनिवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आजम खां के अधिवक्ता की ओर से दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। साथ ही मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 28 जून तय करते हुए आजम खां समेत सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं।