महाराष्ट्र में शिवसेना पार्टी के अंदर मचे कोहराम के बाद महा विकास अघाडी (MVA) सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. महाराष्ट्र से गुजरात के सूरत में डेरा डालने वाले एकनाथ शिंदे पार्टी के 33 विधायक और 7 निर्दलीय विधायकों समेत गुवाहाटी पहुंचे हैं. एकनाथ शिंदे ने गुवाहाटी पहुंचने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे पास 40 विधायक है. दूसरी तरफ सीएम उद्धव ठाकरे ने आज दोपहर एक बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है.
शिवसेना से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र में बीजेपी संग सरकार बनाए जाने की मांग को लेकर पार्टी के विधायकों समेत सूरत पहुंचे थे. शिवसेना के सबसे वफादार नेताओं में से एकनाथ शिंदे ने पार्टी में बगावत करते हुए दो दर्जन से ज्यादा विधायकों को अपने साथ ले लिया है. राजनीतिक माहौल को गरमाता देख अब वह वहां से असम की राजधानी गुवाहाटी पहुंचे हैं.
फिलहाल सूरत एयरपोर्ट पर गुवाहाटी के लिए रवाना होने से पहले शिवसेना से की गई बगावत को लेकर एकनाथ शिंदे ने साफतौर पर कह दिया है कि उन्होंने बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को नहीं छोड़ा और आगे भी नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा है कि ‘हम बालासाहेब के हिंदुत्व का अनुसरण कर रहे हैं और इसे आगे भी ले जाएंगे.’
बता दें कि महाराष्ट्र में हुए विधान परिषद चुनाव में क्रॉस वोटिंग करके बीजेपी को 5 सीटें जितवाने वाले सभी विधायक मंगलवार सुबह गुजरात के सूरत पहुंच गए थे. जिसके बाद शिंदे ने यह दावा किया कि उन्हें 35 विधायकों का समर्थन प्राप्त है और उन्होंने शिवसेना प्रमुख महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से बीजेपी संग सरकार बनाए जाने की मांग रखी थी. फिलहाल महाराष्ट्र में चार बार के विधायक रहे एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में शहरी विकास और पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं.
किसके पास कितने विधायक
बता दें कि शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में एक सीट खाली है. ऐसे में किसी भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत के साथ सत्ता में रहने के लिए फलहाल 144 विधायकों की जरूरत है. वहीं साल 2019 में हुए चुनाव में बीजेपी ने 105 सीट जीती थी. जो कि पंढरपुर विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद अब 106 हो गई है.
शिवसेना के फिलहाल 55 विधायक हैं, एनसीपी के 53 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. सदन में 13 निर्दलीय हैं. तेरह निर्दलीय उम्मीदवारों में से छह बीजेपी के समर्थक हैं, पांच ने शिवसेना को समर्थन किया है, जबकि कांग्रेस और NCP को एक-एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है.