समाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने मानवाधिकार के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त कार्यालय द्वारा तीस्ता सीतलवाड़ और दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के संबंध में एक टिप्पणी देखी है। टिप्पणियां पूरी तरह से अनुचित हैं और भारत की स्वतंत्र न्यायिक प्रणाली में हस्तक्षेप का एक उदाहरण पेश करती है। बागची ने आगे कहा कि भारत न्यायिक प्रक्रियाओं के अनुसार कानून के उल्लंघन के खिलाफ सख्ती से काम करता है। इस तरह की कानूनी कार्रवाइयों को सक्रियता के लिए उत्पीड़न के रूप में लेबल करना भ्रामक और अस्वीकार्य है।
संयुक्त राष्ट्र ने तीस्ता की गिरफ्तारी पर जताई थी चिंता
संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत मैरी लॉलर (Mary Lawlor) है जिन्होंने तीस्ता की गिरफ्तारी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि गुजरात पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते द्वारा डब्ल्यूएचआरडी तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिए जाने की खबरों से चिंतित हूं। तीस्ता नफरत और भेदभाव के खिलाफ एक मजबूत आवाज हैं। मानवाधिकारों की रक्षा करना कोई अपराध नहीं है। मैं उनकी रिहाई और भारतीय राज्य द्वारा उत्पीड़न को समाप्त करने का आह्वान करती हूं।