हजारीबाग के कटकमदाग थाना क्षेत्र के कुसुंभा से अपहृत चिकित्सक अभिजीत कुमार राय का शव बुधवार को कटकमदाग पुलिस ने पिंडराही जंगल से बरामद किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
फिरौती के लिए किया था डॉक्टर का अपहरण
हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चौथे ने बताया कि मुख्य आरोपी के कबूलनामे के बाद पुलिस ने बुधवार को 34 वर्षीय अभिजीत कुमार राय का शव बरामद किया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया। राय का 25 जून को कुसुंभा गांव की एक महिला मरीज के इलाज के दौरान फिरौती के लिए उनके क्लिनिक से चार बदमाशों ने कथित तौर पर अपहरण कर लिया था।
एसपी ने कहा कि जब उनकी फिरौती की मांग तुरंत नहीं मानी गई तो अपराधियों ने उसी रात धारदार हथियार से डॉक्टर की हत्या कर दी और उसके शव को जंगल में फेंक दिया। 25 जून की रात को उनके भाई मिलन राय और ग्रामीणों ने डॉक्टर की तलाश शुरू की थी और उन्होंने कटकमदाग पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
शिकायत में मुख्य आरोपी के नाम का उल्लेख किया गया था क्योंकि उसने डॉक्टर के परिवार को धमकी दी थी कि अगर उसकी मांग तुरंत पूरी नहीं की गई तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। एसपी ने कहा कि तुरंत एक एसआईटी का गठन किया गया और मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए बड़े पैमाने पर छापेमारी की गई।
एसपी ने कहा कि पुलिस को डॉक्टर का शव आरोपी द्वारा दिए गए सुराग के बाद मिला, जिसने अपहरण और हत्या में अपने साथियों के नामों का भी खुलासा किया। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी के साथियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
ग्रामीणों ने किया थाने का घेराव
इस बीच घटना की सूचना मिलने पर कुसुंभा गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने कटकमदाग थाने का घेराव किया और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की। ग्रामीणों ने चिकित्सक का अपहरण करने वालों को शीघ्र गिरफ्तार कर फांसी की सजा देने के साथ साथ चिकित्सक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
चिकित्सक के परिजनों ने बताया कि वह कुसुंभा गांव में 10 वर्षों से उपेंद्र यादव के घर में किराए पर रह रहे थे। स्थानीय लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि शव देखने से लगता है कि एक-दो दिन पहले उनकी हत्या कर दी गई थी, लेकिन पुलिस को इसका पता नहीं चल पाया।