मुजफ्फरनगर में मौलाना मोहम्मद हुसैनी ने खिताब (संबोधित) करते हुए कहा कि दीन का पैगाम है कि सभी लोग अपना जीवन अच्छाई करके गुजारें। उन्होंने कहा कि इंसान के जीवन का कोई भरोसा नहीं, सभी को लौटकर अल्लाह की और जाना है। इसलिए जिंदगी में जो भी अच्छे काम करेंगे, अल्लाह की इबादत करेंगे उन्हीं के आधार पर आखिरत यानी मौत के बाद की जिंदगी का फैसला होगा। उन्होंने कहा कि मौत आने से पहले अल्लाह उसकी 5 अलामात यानी उसकी 5 निशानियां भेजता है, ताकि लोग सुधर जाएं और उसकी इबादत में जुटकर गुनाहों से तौबा कर लें।
किदवई नगर स्थित मस्जिद जैनबुल कुबरा में हसन जकी उर्फ लवी के 40वें पर ईसाले सवाब की मजलिस में मौलाना मोहम्मद हुसैनी ने खिताब करते हुए जनाब याकूब और मलाकुल मौत के बीच बातचीत का जिक्र किया। मौलाना हुसैनी ने कहा कि यह जिंदगी अल्लाह की दी हुई एक अमानत है। यह एक इम्तेहान की तरह है। जिसे पास कर आगे की जिंदगी का सफर तय करना होता है। उन्होंने कहा कि जो इस दुनिया में आया है, उसे एक दिन दुनिया से जाना जरूर है। इसलिए जितना भी हो सके अच्छा काम करें।
दिल से माफी मांगने पर माफ करता है खुृदा
मौलाना मोहम्मद हुसैनी ने मजलिस में खिताब करते हुए कहा कि अल्लाह बहुत दयालु है। उससे गुनाहों की तौबा (माफी मांगे) दिल से यदि कोई करे तो वह माफ करने वाला है। उन्होंने जनाब याकूब और मलाकुल मौत के बीच का वाकया का जिक्र किया। कहा कि जनाबे याकूब ने मलाकुल मौत (यमराज) से कहा था जब उनकी रूह कब्ज करनी हो तो उससे कुछ दिन पहले उन्हें आकर बता देना ताकि वह उसका इंतजाम कर सके। अपने रुके काम पूरे कर लें। मौलाना ने फरमाया कि मलाकुल मौत ने कहा कि वह उनकी मौत से पहले खुद तो नहीं आ सकेंगे लेकिन वह अपना नुमाइंदा यानी प्रतिनिधि भेजकर उन्हें उनकी मौत के बारे में आगाह जरूर कर देंगे। उन्होंने फरमाया काफी साल के बाद अचानक मलाकुल मौत जनाबे याकूब के पास पहुंची। जिस पर जनाबे याकूब ने कहा कि उन्होंने तो उनसे पहले आकर मौत के बारे में बताने को कहा था। इस पर मलाकुल मौत ने कहा कि उन्होंने ऐसा ही किया था। 5 बार अपने प्रतिनिधि भेजकर उन्हें मौत के बारे में बताया यानी पांच लक्ष्णों से उन्हें आगाह किया। मौलाना ने फरमाया कि मलाकुल मौत ने कहा कि एक बार तब जब जनाबे याकूब के दांत में दर्द हुआ। दूसरे तब जब दाढ़ी सफेद हुई। तीसरे तब जब आंखों की बीनाई यानी रोशनी कम हुई। चौथे तब जब बदन यानी शरीर में कमजोरी आई और पांचवे तब जब हाथों में छड़ी के जरिये चलना शुरू किया। मौलाना हुसैनी ने कहा कि अल्लाह इंसान को मौत से पहले 5 इन पांच लक्षणों से आगाह करता है। इसलिए किसी भी इंसान को इन सब बातों को समझकर उसके पापों की माफी नमाज में मांगनी चाहिए। ताकि मौत के बाद उसके लिए अल्लाह जन्नत का रास्ता खोल दे।