बकरीद के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने पुख्ता प्रबंध किए हैं। इसके लिए जिलों के अफसरों को सेक्टर स्कीम लागू कर प्रबंधन करने को कहा गया है। सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी के साथ साथ संवेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जाएगी।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि बकरीद को देखते हुए 11 जिले अतिसंवेदनशील चिन्हित किए गए हैं। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश और मध्य उत्तर प्रदेश के जिले भी शामिल हैं। यहां विशेष रूप से केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में 28260 मस्जिदों और ईदगाहों में ईद उल अजहा की नमाज अदा की जाएगी। इसे लेकर सभी जिलों के पुलिस अफसरों को लगातार भ्रमणशील रहने और सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश के कुल 1500 थाना क्षेत्रों में 2167 स्थल संप्रदायिक दृष्टि से संवेदनशील चिन्हित किए गए हैं, जहां खास नजर रखी जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध करने के लिए 2422 सेक्टर बनाए गए हैं और 1539 क्विक रिस्पांस टीम की तैनाती की गई है। सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पीएसी की 152 कंपनी पुलिस मुख्यालय स्तर से उपलब्ध कराई गई है।
इसके अलावा रेंज और जोन स्तर से भी फोर्स जिलों को उपलब्ध कराई जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रमणशील रहने के लिए कहा गया है। जिलों के पुलिस कप्तानों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि किसी भी हाल में प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न होने पाए। इसके लिए क्षेत्र के थानेदार जिम्मेदार होंगे।
अन्य त्योहारों के लिए मांगा गया 24 कंपनी अर्धसैनिक बल
प्रदेश में आगामी त्योहारों को लेकर कुल 24 कंपनी केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों की मांग की गई है। इसमें से बकरीद के लिए 11 कंपनी बल मिल भी गया है। सूत्रों का कहना है कि आगामी कांवड़ यात्रा, अयोध्या के सावन मेले, नागपंचमी और मोहर्रम के लिए अतिरिक्त केंद्रीय बल की मांग की गई है।