दिल्ली पुलिस ने इस बार 14 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा 2022 से पहले पर्याप्त सुरक्षा प्रबंध किए हैं। पुलिस के अनुसार 14 से 26 जुलाई तक सुरक्षा एवं ट्रैफिक के लिए विशेष इंतजाम रहेगा क्योंकि 21 जुलाई के बाद कांवड़ियों की आवाजाही बढ़ने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली में कांवड़ तीर्थयात्रियों और वाहनों के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए 2,000 से अधिक दिल्ली ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को पूर्व, उत्तर-पूर्व और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे शाहदरा जिलों में विभिन्न मार्गों पर तैनात किया जाएगा, जिससे यात्रियों को कम से कम असुविधा हो। प्रशासन इस साल बड़ी संख्या में लोगों के कांवड़ यात्रा में आने की उम्मीद कर रहा है क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण यह आयोजन दो साल के अंतराल के बाद हो रहा है।
अर्धसैनिक बलों की भी ली जाएगी मदद
ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के अलावा, दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के सुरक्षा अधिकारी किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दिल्ली के पूर्वी हिस्सों में मौजूद रहेंगे। विशेष रूप से 2020 के बाद से दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के कुछ मामलों और प्रचलित धार्मिक घटनाओं के मद्देनजर और विभिन्न मुद्दों पर देशभर में उपजे तनाव के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, कावंड़ियों की सुविधा और उनके ठहरने के लिए जगह उपलब्ध कराने को अब तक 338 कांवड़ कैंपों को मंजूरी दी गई है, जो पूर्वी दिल्ली में विभिन्न जगहों पर स्थापित किए जा रहे हैं।
दिल्ली में लगेंगे 338 कांवड़ कैंप
पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) जी. राम गोपाल नाइक ने कहा कि 338 कैंपों में से 172 सरकार द्वारा अनुमोदित हैं, जिनमें नौ सुरक्षा शिविर शामिल हैं, जबकि 157 निजी शिविर हैं।
सीनियर ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कांवड़ियों के लिए मार्गों पर समर्पित लेन बनाई गई है और किसी भी वाहन को उन मार्गों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसी तरह, कांवड़ियों भी को वाहनों की आवाजाही के लिए समर्पित लेन का उपयोग करने से रोका जाएगा।
कांवड़ियों को सड़क पार करने में मदद करने के लिए सभी चौराहों पर पर्याप्त संख्या में स्टाफ तैनात किया जाएगा और जब भी कांवड़िए सड़क पार करेंगे तो ट्रैफिक रोक दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चौराहों पर पुलिस और ट्रैफिक कर्मियों की तैनाती से यातायात में अव्यवस्था या दुर्घटना नहीं होगी।
2000 ट्रैफिक पुलिस कर्मी रहेंगे तैनात
डीसीपी नाइक ने कहा कि अभी तक हमारे पास 338 कांवड़ कैंपों की सूची है, यह संख्या और भी बढ़ सकती है। हम कांवड़ यात्रा ड्यूटी के लिए 2000 ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को तैनात करेंगे। चूंकि कुछ सड़कों पर निर्माण कार्य चल रहा है, हम जनता से कांवड़ यात्रा के दौरान यातायात के प्रबंधन और विनियमन में हमारे साथ सहयोग करने का आग्रह करते हैं। सुरक्षा कर्मियों की तरह, यातायात कर्मी भी सभी मार्गों पर चौबीसों घंटे मौजूद रहेंगे।
कांवड़ कैंपों में आने वाले कांवड़ियों का रखा जाएगा रिकॉर्ड
वहीं, जहां तक कांवड़ कैंपों में सुरक्षा और सुविधाओं का सवाल है, तीन जिलों के डीसीपी ने कहा कि सभी कैंपों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं, इसके अलावा एक लॉगबुक भी है जिसमें कैंपों में प्रवेश करने और बाहर निकलने वाले कांवड़ियों का पूरा विवरण होगा। कांवड़ियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले मार्गों पर रणनीतिक स्थानों पर क्विक रिएक्शन टीम और इमरजेंसी रिस्पॉन्स व्हीकल तैनात किए जाएंगे।
पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) आर सथियासुंदरम ने कहा कि कैंम्पों में चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। बेहतर समन्वय के लिए जिला पुलिस अधिकारी शिविरों के आयोजकों, जिला प्रशासन, नागरिक एजेंसियों, अग्निशमन और स्वास्थ्य विभागों के साथ बैठक कर रहे हैं।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पूर्व) संजय कुमार सेन ने कहा कि यात्रा के दौरान किसी भी सांप्रदायिक मुद्दे और अप्रिय घटना से बचने के लिए तैयारियों के बारे में पुलिस शांति समितियों के साथ बैठक कर रही है और उनसे धार्मिक आयोजन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह कर रही है।