छत्तीसगढ़ में भारी बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। कई इलाकों से संपर्क टूट गया है। तो वहीं दर्जनों लोगों और जानवरों की मौत हो गई है। इस बारे में अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में पिछले एक महीने में बारिश से संबंधित घटनाओं और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में 26 लोगों की जान चली गई। वहीं पिछले कुछ दिनों में दक्षिण बस्तर में भारी बारिश हुई है, जिससे नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
219 जानवरों की मौत हो चुकी है अब तक
अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले एक महीने में बारिश से संबंधित घटनाओं और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में 26 लोगों की जान चली गई, जहां पिछले कुछ दिनों में दक्षिण बस्तर में भारी बारिश हुई है, जिससे नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
उन्होंने बताया कि इसी अवधि के दौरान विभिन्न जिलों में हुई बारिश के कारण कम से कम 247 घर आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि बारिश प्रभावित जिलों में 10 राहत शिविर बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 219 जानवरों की मौत हो चुकी है।
कई लोगों की सांप काटने से हुई मौत
राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि एक जून से अब तक हुई 26 मौतों में से 13 लोगों की बिजली गिरने से मौत हो गई तो 11 डूब गए और दो की मौत सांप के काटने से हुई। साथ ही कहा कि पिछले कुछ दिनों में जिन जिलों में भारी बारिश हुई है, उनमें बस्तर संभाग के बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर और कोंडागांव, गरियाबदान, सरगुजा और कबीरधाम शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश और छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर बहने वाली गोदावरी नदी के बैकवाटर के कारण बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों के अंदरूनी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
दमकल कर्मियों के दल को बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है
अधिकारी ने बताया कि बस्तर क्षेत्र की जीवन रेखा के रूप में प्रसिध्द गोदावरी नदी की एक प्रमुख सहायक नदी इंद्रावती भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। उन्होंने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस और दमकल कर्मियों के दल को बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है।