एलएसी पर उकसा रहा चीन, भारत दे रहा कड़ा जवाब : वायु सेना प्रमुख

नई दिल्ली : एक तरफ तो चीन भारत से साथ वार्ता कर रहा है, वहीं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उसकी उकसावे वाली हरकतें भी कम नहीं हो रही है. इस बातचीत से कुछ दिन पहले खबर आई कि चीनी सेना का लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर बहुत करीब से गुजरा. उसने कुछ देर के लिए फ्रिक्शन प्वाइंट पर उड़ान भरी. हवाई क्षेत्र के उल्लंघन का पता चलने के तुरंत बाद भारतीय वायु सेना भी सक्रिय हो गई. चीन की किसी भी ऐसी साजिश का भारतीय सेना कड़ा जवाब दे रही है.

एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रविवार को कहा कि जब भी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (पीएलएएएफ) के लड़ाकू जेट सीमा के बहुत करीब आते हैं, स्थिति से निपटने के लिए भारतीय वायु सेना तुरंत अपने लड़ाकू विमानों से जवाब देती है. एक विशेष साक्षात्कार में भारतीय वायु सेना प्रमुख का बयान ऐसे दिन आया है जब भारत और चीन कोर कमांडर वार्ता के 16 वें दौर की वार्ता कर रहे हैं.

यह पूछे जाने पर कि चीनी वायु सेना वार्ता से ठीक पहले भारत को भड़काने की कोशिश क्यों कर रही है. उन्होंने कहा, ‘मैं किसी विशेष कारण की ओर इशारा नहीं कर सकता कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं, लेकिन हम इस पर नजर रख रहे हैं और हम वहां अपने लड़ाकू विमानों के साथ तत्काल कार्रवाई करते हैं.’ वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जून 2020 में गलवान की घटना के बाद से हमने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एलएसी के साथ अपने रडार तैनात करना शुरू कर दिया था. धीरे-धीरे हमने इन सभी राडार को अपने एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली के साथ एकीकृत कर दिया है ताकि एलएसी के पार हवाई गतिविधि पर नजर रखने के लिए हम सक्षम हो सकें.

चौधरी ने कहा कि वायु सेना ने उत्तरी सीमाओं पर सतह से हवा में जमीन पर मार करने की क्षमता को भी बढ़ाया है. उस क्षेत्र में मोबाइल निगरानी चौकियों की संख्या भी बढ़ाई है. उन्होंने कहा, ‘हमें वहां तैनात सेना और अन्य एजेंसियों से बहुत सारी जानकारी मिलती है. चीनी विमानों की गतिविधि पर हम कड़ी नजर रखते हैं.’

गौरतलब है कि हवाई उल्लंघन की पहली बड़ी घटना पिछले सप्ताह जून में हुई थी जब चीनी वायु सेना का एक जे-11 लड़ाकू विमान बहुत करीब आ गया था. पिछले सप्ताह भी चीनी पक्ष ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एलएसी के साथ कई उकसाने वाली गतिविधियां की हैं. वे एलएसी के बहुत करीब से उड़ान भर रहे हैं. नियमों के अनुसार दोनों पक्ष एलएसी के 10 किमी के भीतर उड़ान नहीं भर सकते हैं. भारतीय वायु सेना ने चीन के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए अपने मिग-29 तैनात कर रखे हैं.

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