छत्तीसगढ़: मैंने बगावत के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया-टीएस सिंहदेव

छत्तीसगढ़ सरकार में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव ने हाल में ही पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद से लगातार छत्तीसगढ़ की राजनीति को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। ऐसा इसलिए भी था क्योंकि टीएस सिंह देव और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच रिश्ते सामान्य नहीं रहते हैं। 2018 में जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे तो यह दोनों नेता मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे। हालांकि, अब मंत्री पद से इस्तीफे के बाद टीएस सिंहदेव ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। टीएस सिंह देव ने साफ तौर पर कहा है कि मैंने बगावत के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया था। अगर ऐसा होता तो मैं सभी विभागों से दिखा दे सकता था। आपको बता दें कि टीएस सिंह देव के पास से छत्तीसगढ़ सरकार में कई अहम मंत्रालय हैं जिनमें स्वास्थ्य मंत्रालय भी शामिल है।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक टीएस सिंहदेव ने कहा कि पंचायत और ग्रामीण विकास एक अहम विभाग है। इसके कुछ बहुत ही संवेदनशील पहलू हैं जिसमें मुझे ये महसूस होने लगा था कि मंत्री की भूमिका संभालते हुए मैं लोगों की मंशा के अनुरूप काम नहीं कर पा रहा हूं। उन्होंने आगे कहा कि उस परिस्थिति में बेहतर ये होता है कि जब आप कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो खुद हो उस ज़िम्मेदारी से पीछे हो जाएं। उसी को लेकर मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था…मैंने बगावत के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया था, वरना ऐसा होता तो मैं सभी विभागों से इस्तीफा दे सकता था। वहीं, इस घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर बघेल ने कहा कि उन्हें मंत्री के कदम के बारे में मीडिया के जरिए पता चला और इस्तीफा मिलने के बाद ही वह इस पर विचार करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने उनसे (सिंहदेव) बात नहीं की है। मैंने उन्हें बीती रात फोन करने की कोशिश की थी, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।’’ 

इस बीच, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी. एल. पुनिया ने कहा कि उन्होंने एआईसीसी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल, बघेल और सिंहदेव से इस मुद्दे पर बात की है और इस पर आवश्यक कदम उठाया जाएगा। पुनिया 15 जुलाई से रायपुर के दौरे पर आए हैं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस में बघेल और सिंहदेव के बीच खींचतान चल रही है तथा सिंहदेव ने शनिवार को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे दिया। वह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा और जीएसटी विभागों के मंत्री बने रहेंगे।मंत्रिमंडल में समन्वय की कमी के भाजपा के आरोपों का खंडन करते हुए बघेल ने कहा, “जो भी मामला है, हम मिल बैठकर सुलझा लेंगे।” 

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