विपक्ष की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी गई

श में एक तरफ राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी चल रही है, तो दूसरी तरफ उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकल भरने की प्रक्रिया शुरु होने वाली है। शनिवार को एनडीए ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार का उम्मीदवार बनाया, तो रविवार को विपक्षी दलों ने कांग्रेस की वरिष्ठा नेता मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकित किया। मार्गरेट अलवा 19 जुलाई को इस पद के लिए नामांकन दाखिल करेंगी। तो चलिए आपको बताते हैं विपक्षी दलों ने जिस महिला को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है, उनका राजनीतिक सफर कैसा रहा है और उन्होंने किन उपलब्धियों को हासिल किया है।

जीवन परिचय

मार्गरेट अल्वा का जन्म 14 अप्रैल 1942 को कर्नाटक के मेंगलुरु में हुआ था। मार्गरेट अल्वा के ससुर जोआचिम अल्वा और उनकी सास वायलेट भी कांग्रेस के संसद सदस्य रहे थे। उन्होंने इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस से संबंध जोड़ा और कर्नाटक में कांग्रेस की राज्य इकाई के लिए काम किया। उन्होंने 1975 और 1977 के बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव और 1978 और 1980 के बीच कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में कार्य किया।

  • पहली बार 1974 में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर राज्य सभा के लिए चुनी गई थीं। इसके बाद वे और तीन बार 1980, 1986 व 1992 में कांग्रेस की तरफ राज्य सभा भेजी गईं।
  • मार्गरेट अल्वा 1984 में इंदिरा गांधी की सरकार में केंद्रीय मंत्री थीं। उन्हें राजीव गांधी सरकार में भी संसदीय मामलों का केन्द्रीय राज्य मंत्री बनाया गया था।
  • बाद में उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय में युवा मामले व खेल, महिला एवं बाल विकास के प्रभारी मंत्री के दायित्व को निभाया।
  • 1991 में कार्मिक, पेंशन, जन परिवेदना तथा प्रशासनिक सुधार (प्रधानमंत्री से सम्बद्ध) की केंद्रीय राज्य मंत्री बनायी गयीं। वे पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में भी मंत्री रही थीं।
  • 1999 में कांग्रेस (Congress) के टिकट पर कर्नाटक से लोकसभा का चुनाव लड़ा और विजयी होकर पहली बार लोकसभा में गई थीं।
  • इन्हें साल 2012 में सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में किसी महिला की ओर किए अहम योगदान के लिए मर्सी रवि अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
  • ये उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल बनी थीं। इसके बाद उन्होंने गुजरात, राजस्थान, गोवा के राज्यपाल का पद भी संभाला।

गांधी परिवार से करीबी

मार्गरेट अल्वा को गांधी परिवार के करीबियों में गिना जाता है। कांग्रेस और गांधी परिवार के साथ मार्गरेट अल्वा का करीबी रिश्ता देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के समय से बना हुआ है। गांधी परिवार से उनकी करीबी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और राजीव गांधी, दोनों की सरकार में मंत्री रही थीं।उन्होंने 2004 में कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव हारने के बाद उन्होंने 2004 और 2009 के बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में कार्य किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here