मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने कत्ल के मामले में एक आरोपी को बरी कर दिया है। अभियोजन पक्ष इस मामले में आरोपी के विरुद्ध सबूत नहीं जुटा पाया है, जिस कारण कोर्ट ने बरी कर दिया। जनपद के थाना शाहपुर क्षेत्र के ग्राम कसेरवा में वर्ष 2017 में बच्ची के गायब होने का मुकदमा दर्ज कराते हुए हुकुमदीन पुत्र हाफिज़ूद्दीन नें बताया था कि उसकी 9 वर्षीय पुत्री खालिदा घर नहीं पहुंची हैं। उसकी गुमशुदगी की तहरीर थाना शाहपुर दी गई थी। खालिदा की लाश मिलने पर मुकदमा मे धारा 302 का इजाफा हो गया था।
इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी सल्लाहुद्दीन पुत्र भागमल को गिरफ्तार कर लिया था। मामले में कुछ साक्ष्य ऐसे थे जो इस घटना की पुष्टि नहीं कर पा रहे थे। इस मामले मे 7 गवाह पेश हुए थे।
इस मामले की सुनवाई फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट नम्बर 2 के समक्ष हुई। जहां आरोपी पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता वकार अहमद ने न्यायालय को बताया कि इस घटना को लेकर विरोधाभास है। एफआईआर दर्ज कराने में भी काफी कमियां को बताए गए। वरिष्ठ अधिवक्ता वकार अहमद की जबरदस्त पैरवी के चलते शासकीय अधिवक्ता व अभियोजन पक्ष के प्रयास विफल हुए।
फ़ास्ट ट्रैक न्यायालय नें दोनों पक्षो की कानूनी बहस के बाद सल्लाहुद्दीन को अपहरण क़त्ल व साक्ष्य मिटाने के आरोपो की धारा में बरी कर दिया। इस मामले में पुलिस नें चार्जशीट मे सल्लाहुद्दीन को नामजद किया था, जिसमें अपहरण के बाद हत्या की आशंका का आरोप लगाया गया था। आरोपी पक्ष के अधिवक्ता वकार अहमद ने बताया कि इस मामले में पुलिस द्वारा 363 302 201 धाराओं मे चार्जशीट दाखिल की गई थी,
लेकिन न्यायालय में यह मुकदमा साबित नहीं हो पाया, जिससे चलते अदालत ने आरोपी को बरी कर दिया है।