अपराध तो इनका रोजगार है !

कल हमने लिखा था कि असामाजिक तत्वों का स्वर्ग बन चुके मेवात में बेखौफ बदमाशों ने कैसे डी.एस.पी. सुरेन्द्र सिंह विश्नोई की हत्या कर दी थी। आज पलवल के क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि किठवाड़ी चौक पर जब ए.एस.आई. हरवीर सिंह अपनी टीम के साथ नाकाबन्दी कर रहे थे तो गो-तस्करों ने ट्रक से कोसीकलां की ओर जाने पर रोकने के कारण पुलिस पार्टी पर फायरिंग कर दी किन्तु पुलिस ने भाग कर अपनी जान बचा ली। चूँकि पुलिसजन सतर्क थे इस लिए गो-तस्करों की घेराबंदी कर दबोच लिया। तारीफ, वकील तथा इरफान नाम के गो-तस्कर नूंह के बिछौर ग्राम के निवासी हैं जो गोकशी के लिए गोवंश की तस्करी का काम काफी दिनों से कर रहे हैं। पकड़े गए ट्रक से कटान के लिए ले जाए जा रहे 5 सांड व 18 गायें बरामद हुई है।

यह समाचार भी मिला है कि होडल पुलिस गो-तस्कर फरीद निवासी ग्राम बिसरु को गिरफ्तार करने में सफल हुई है। फरीद ने सन् 2017 में हसनपुर पुलिस चैक पोस्ट पर उस समय ट्रक चढ़ा कर पुलिसकर्मियों को मारने का प्रयास किया था जो वाहनों की चैकिंग कर रहे थे। जो पुलिस के पीछा करने पर गोवंश से भरे ट्रक को नूंह के पास छोड़ कर भाग गया था।

मेवात अपराधियों का अभेगशरण स्थल बन चुका है। गो-तस्कर, चोर-डकैत, बलात्कारी व अपहरणकारी, यहां तक कि उपद्रवी भी यहां पनाह लेकर सुरक्षित महसूस करते हैं।
बदमाशों की किलेबन्दी को ध्वस्त कर इस इलाके को अपराध मुक्त करना राज्य सरकारों के लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि इस इलाके से नेताओं के अपने राजनीतिक स्वार्थ भी जुड़े हैं। हरियाणा की शान्तिप्रिय जनता मेवात को अपराध मुक्त करने की बाट देख रही है।

छपते-छपते:
रांची में गो-तस्करों ने महिला दरोगा पर गाड़ी चढ़ा कर हत्या कर दी।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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