कोरोना: फाइजर वैक्सीन की सफलता के पीछे इस पति-पत्नी की ड्रीम टीम का हाथ । शुरुआती विश्लेषण से पता चला है कि कोविड-19 के लिए बन रही पहली वैक्सीन 90 प्रतिशत लोगों में संक्रमण को रोक सकती है। ये वैक्सीन दुनिया की बड़ी दवा कंपनी फाइजर और बायोनटैक ने मिलकर बनाई है। जर्मन बायोटेक फर्म बायोनटैक और यूएस की फार्मा कंपनी फाइजर के कोविड-19 वैक्सीन पर जो सकारात्मक डाटा मिल रहा है उसकी सफलता के पीछे एक विवाहित जोड़े की अप्रत्याशित मेहनत है, जिन्होंने कैंसर के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली का उपयोग करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया है।
फाइजर ने सोमवार को कहा कि अध्ययन से सामने आए प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर यह प्रयोगात्मक टीका कोविड-19 को रोकने में 90 फीसदी से अधिक प्रभावी है। फाइजर (Pfizer) और बायोनटैक (BioNTech) कोरोना वैक्सीन के बड़े पैमाने पर नैदानिक परीक्षण से सफल आंकड़े दिखाने वाले पहले दवा निर्माता कंपनी हैं।
कंपनियों की ओर से कहा गया है कि ये ‘विज्ञान और मानवता के लिए महान दिन है।’ कंपनियां इस महीने के अंत तक वैक्सीन के इस्तेमाल की अनुमति पाने के लिए आपात आवेदन करेंगी। बेहतर इलाज के साथ-साथ वैक्सीन को ही वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है। कोरोना वायरस के कारण जो प्रतिबंध लागू हैं ये उनसे भी बचा सकती हैं। इस महीने के आखिर में अमेरिकी आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण से अनुमति मिलने की उम्मीद है।
फाइजर के अध्यक्ष और सीईओ अल्बर्ट बोरला ने एक बयान में कहा कि हमारे तीसरे चरण के ट्रायल के पहले सेट में कुछ ऐसे सबूत मिलने है जिससे यह पता चलता है कि यह कोरोना वायरस को रोकने में प्रभावी है।
सफलता के पीछे पति-पत्नी की मेहनत
साप्ताहिक वेल्ट एएम सोन्नटैग अखबार के अनुसार, कोलोन में एक फोर्ड कारखाने में काम कर रहे एक तुर्की आप्रवासी के बेटे, बायोनटैक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उगुर साहिन (55) और उनकी पत्नी एवं बोर्ड के सदस्य ओजेस तुएरेसी (53) का इस वैक्सीन के पीछे काफी बड़ा योगदान है। आज उगुर जर्मनी के 100 सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल हैं।
वेंचर कैपिटल फर्म एमआईजी एजी (MIG AG) के बोर्ड मेंबर मैथियस क्रोमेयर, जिन्होंने 2008 में बायोनटैक कंपनी की स्थापना के बाद आर्थिक सहायता दी, ने कहा कि ‘अपनी उपलब्धियों के बावजूद, उनमें कभी बदलाव नहीं आया, आज भी वह विनम्र और शालीन हैं।’
ओजेस तुएरेसी तुर्की के एक चिकित्सक की बेटी हैं, जो जर्मनी चली आई थी, ने एक मीडिया साक्षात्कार में कहा कि उनकी शादी के दिन भी, दोनों ने प्रयोगशाला के काम के लिए समय निकाला था।
एकसाथ मिलकर उन्होंने प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर के खिलाफ लड़ाई में संभावित सहयोगी के रूप में सम्मानित किया और प्रत्येक ट्यूमर के अद्वितीय आनुवंशिक मेकअप के बारे में पता करने की कोशिश की।