उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के बनाने में कथित गड़बड़ी और कार्यान्वयन में अधिकारियों की भूमिका पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।सक्सेना पहले ही केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति 2021-22 से संबंधित नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों की सीबीआइ जांच की सिफारिश कर चुके हैं।एलजी द्वारा सीबीआइ जांच की सिफारिश मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट पर आधारित है।
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को बनाने और कार्यान्वयन में कथित रूप से घोर उल्लंघन और जानबूझकर गलती की गई है। इसे गंभीरता से लेते हुए एलजी ने मुख्य सचिव को अधिकारियों द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।एलजी ने आबकारी से संबंधित सौदों में भी अधिकारियों द्वारा निभाई गई भूमिका की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
एलजी ने मुख्यसचिव को दिए निर्देश में कहा है कि अधिकारियों का यह कर्तव्य था कि वे अपनी निगरानी में होने वाली किसी भी अनियमितता को उजागर करते और मुख्य सचिव,सक्षम प्राधिकारी के संज्ञान में लाते।मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, कमियों और खामियों को नजरंदाज करते रहे।उपराज्यपाल कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अब तक उपलब्ध रिकार्ड के साथ यह स्पष्ट है कि कुछ पदों पर तैनात कुछ अधिकारियों ने इस मामले में न केवल उन फैसलों की अनदेखी की, बल्कि उन्हें सुगम बनाया जो जीएनसीटीडी अधिनियम 1991, व्यापार नियमावली 1993 के लेनदेन के पूर्ण उल्लंघन में थे।
दिल्ली आबकारी अधिनियम 2009 और दिल्ली आबकारी नियम 2010 का भी उल्लंघन था।लेकिन प्रथम ²ष्टया किसी प्रभावी व्यक्ति के इशारे पर अधिकारियों ने अवैध आदेशों को बनाने और उन्हें लागू करने में सक्रिय रूप में काम किया।सूत्रों के अनुसार एलजी जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की तैयारी में हैं।यहां बता दें कि आबकारी नीति 2021-22 को 17 नवंबर 2021 को लागू किया गया था।इस नीति में खास बात यह है कि शराब की बिक्री के काम को निजी हाथों में सौंप दिया गया है।दिल्ली सरकार इस नीति को एक बेहतर नीति मान रही है।
इस नीति को लागू किए जाने के समय दिल्ली में आबकारी आयुक्त के पद पर आरव गोपी कृष्णा थे।गोपी कृष्णा 2012 बैच के आइएएस हैं।पांच मई 2021 को तत्कालीन उपराज्यपाल के आदेश पर मध्य जिला के डीएम के पद से तबादला का इन्हें दिल्ली का आबकारी आयुक्त बनाया गया था।वी के सक्सेना के उपराज्यपाल बनने के बाद इन्हें कुछ समय पहले आबकारी आयुक्त के पद से हटा दिया गया है।इस समय 2009 बैच के आइएएस कृष्ण मोहन उप्पू दिल्ली के आबकारी आयुक्त हैं।