एनसीआर में रह रहे यूपी के लोगों को नहीं देना होगा रोड टैक्स, कैबिनेट में मिली मंजूरी

एनसीआर में रहने वाले यूपी के लाखों लोगों को प्रदेश सरकार ने राहत दी है। अब इन लोगों को रोड टैक्स नहीं देना होगा। कैबिनेट बैठक ने इस प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी है। प्रदेश के परिवहन विभाग ने चार राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के बीच रोड टैक्स को लेकर करार किया था।

परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह ने बैठक के बाद कहा कि इससे प्रदेश सरकार के राजस्व में 12 करोड़ रुपये की कमी आएगी पर लाखों लोगों को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस नुकसान की भरपाई विभाग अन्य स्रोतों से करेगा।

बैठक में ललितपुर में नई जेल बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है। पहले ललितपुर जेल छोटी थी जिसे अब बड़ी जेल में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है। इस जेल की क्षमता 180 बंदियों की थी।

एमएसएमई के जरिये खरीदे जाएंगे दो करोड़ राष्ट्रीय ध्वज
आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर हर घर तिरंगा फहराने के लिए सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के जरिये दो करोड़ राष्ट्रीय ध्वज बनवाए जाएंगे। एक झंडे की कीमत 20 रुपये निर्धारित की गई है। डेढ़ करोड़ राष्ट्रीय ध्वज का खर्च 30 करोड़ रुपये पंचायतीराज विभाग और 50 लाख ध्वज का खर्च 10 करोड़ रुपये नगर विकास विभाग वहन करेगा। कैबिनेट बैठक में इसका प्रस्ताव मंजूर किया गया।

पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव पर 11 से 17 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान के तहत प्रदेश में करीब 4.5 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाएंगे। इनमें से दो करोड़ ध्वज एमएसएमई के जरिये बनाए जाएंगे। शेष राष्ट्रीय ध्वज विभिन्न स्वयं सहायता समूहों, स्वयं सेवी संगठनों और निजी सिलाई केंद्रों से खरीदे जाएंगे।

ग्राम सचिवालय पर मिलेगी जन सुविधा केंद्र की सेवाएं 
प्रदेश में ग्राम पंचायतों (ग्राम सचिवालयों) से अब ग्रामीणों को निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र सहित भू अभिलेख सहित ई-डिस्ट्रिक पोर्टल और जन सेवा केंद्र से मिलने वाली सभी 14 सेवाएं ऑनलाइन मिलेंगी। इसके लिए ग्रामीणों को निर्धारित न्यूनतम सेवा शुल्क देना होगा। ग्राम सचिवालय में तैनात पंचायत सहायक जन सेवा केंद्र संचालक के रूप में काम करेंगे।

पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह ने लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में कैबिनेट बैठक में मंजूर प्रस्तावों की जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम पंचायतों में जन सेवा केंद्र और ई-डिस्ट्रिक पोर्टल के जरिये दी जाने वाली सभी 14 सेवाओं के साथ उन सेवाओं को भी जोड़ा जाएगा जो फिलहाल पोर्टल पर नहीं है लेकिन भविष्य में आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। जन सेवा केंद्र संचालक को मिलने वाला सेवा शुल्क ग्राम पंचायत के खाते में पंचायत की आय के रूप में जमा किया जाएगा।

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