महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में 400 सरकारी आदेश जारी किए और बजटीय आवंटन से पांच गुना अधिक राशि आवंटित की।
ये सरकारी आदेश ऐसे समय में जारी किए गए थे जब तत्कालीन सत्ताधारी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) एक विद्रोह के बाद अल्पमत में आ गया था। उन्होंने बताया कि ये आदेश बड़े पैमाने पर विभिन्न विकास-संबंधित कार्यों के लिए धन आवंटन से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि शिवसेना और तीन दलीय सरकार की वैधता संदेह के घेरे में थी।
महाराष्ट्र सरकार के प्रशासनिक मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि नई एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार राज्य के खजाने पर अनावश्यक बोझ से बचने के लिए जल्दबाजी में लिए गए फैसलों की समीक्षा कर रही है।
पिछली सरकार ने 400 आदेश जारी किए थे : फडणवीस
भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने 400 सरकारी आदेश जारी किए थे और बजटीय आवंटन (कार्यालय में अपने अंतिम पांच दिनों में) से पांच गुना अधिक धन आवंटित किया था। अगर हम इन आदेशों पर आगे बढ़ते हैं तो खजाने पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा।
30 जून को शपथ लेने के बाद से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं और तत्कालीन शिवसेना के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा जारी कई सरकारी आदेशों पर रोक लगा दी गई है।
राकांपा ने कहा- सरकारी फैसलों पर मनमानी रोक न लगाएं
वहीं वर्तमान सरकार के इस कदम से ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों में नाराजगी है। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने शिंदे से अनुरोध किया है कि वह सभी सरकारी फैसलों पर मनमानी रोक न लगाएं। उन्होंने कहा कि इस तरह के कदमों से चल रहे कई विकास कार्य रुक जाएंगे।
फडणवीस ने कहा कि जब सरकार ने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया था तो सरकारी आदेश जारी करना सही नहीं था। सरकार (ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी) अल्पमत में थी और उसे ऐसे फैसले नहीं लेने चाहिए थे। इसलिए हम इन सभी फैसलों की समीक्षा कर रहे हैं और मेरिट के आधार पर अनुमति दे रहे हैं।
उद्धव ठाकरे ने 29 जून को दिया था इस्तीफा
21 जून को शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के विधायकों के एक वर्ग ने विद्रोह कर दिया था जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने 29 जून को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। शिंदे और फडणवीस ने 30 जून को शपथ ली थी, लेकिन पूर्ण राज्य मंत्रिमंडल का गठन होना बाकी है।