सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने कहा कि कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन टुकड़ी का हिस्सा रहे उसके दो कर्मी हिंसक प्रदर्शन के दौरान मारे गये।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा, “लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में बीएसएफ के दो बहादुर भारतीय शांति सैनिकों के निधन पर गहरा दुख हुआ। वे मोनुस्को (लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन) के हिस्सा थे। इन हमलों के अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है।”
भारतीय सैन्य ठिकानों और संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में हुई थी लूट की कोशिश
बता दें कि इससे पहले सोमवार कांगो में असैन्य नागरिक सशसत्र समूहों ने भारतीय सेना परिचालन ठिकानों, अस्पताल में लूटपाट का भी प्रयास किया था। हालांकि सेना के अधिकारियों ने बताया था कि उसके शांति सैनिकों ने संयुक्त राष्ट्र के आदेश और नियमों के अनुसार कड़ी कार्रवाई करके लूट के प्रयासों को विफल कर दिया।
भारतीय सेना पर पहले भी हमला कर चुके विद्रोही
दो महीने पहले भी कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में शामिल भारतीय सेना के जवानों पर विद्रोहियों ने हमला कर दिया था। यह हमला 22 मई को किया गया था। इस हमले के दौरान विद्रोहियों ने गोलीबारी की थी और संयुक्त राष्ट्र और कांगो आर्मी के टिकाने पर कब्जा करने की कोशिश की थी। लेकिन जैसे ही हमला हुआ था भारतीय सेना के जवानों ने डटकर जवाब देते हुए विद्रोहियों को खदेड़ दिया था।
1999 से कांगो में तैनात है भारतीय सेना की टुकड़ी
कांगो गृहयुद्ध की मार झेलने वाला देश है। संयुक्त राष्ट्र के आदेश के मुताबिक भारतीय सैनिक संघर्षग्रस्त क्षेत्र में शांति स्थापित करने में अपना योगदान दे रहे हैं। कांगो में 1999 से ही भारतीय सेना की टुकड़ी तैनात है। कांगो में इस समय दुनिया की सबसे बड़ी शांति सेना तैनात है। यहां अलग -अलग देशों से करीब 20 हजार सैनिक तैनात हैं। भारतीय सेना के अधिकारियों के मुताबिक, भारत के चार हजार सैनिक कांगो में तैनात हैं।