कोलकाता। बंगाल में पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले में आरोपित टीएमसी नेता अबू ताहिर पर सीबीआइ ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सीबीआइ की टीम पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में गुरुवार सुबह अबू ताहिर के घर पहुंची है। सीबीआइ व केंद्रीय बलों की टीम ने उनके घर को चारों तरफ से घेर लिया है।
हिंसा मामले में कई बार समन के बावजूद वे सीबीआइ के समक्ष पेश नहीं हो रहे थे और गिरफ्तारी के डर से जांच एजेंसी को चकमा देने की कोशिश कर रहे थे। नंदीग्राम के चिलग्राम निवासी और भाजपा कार्यकर्ता देबब्रत माइती की हत्या में अबु ताहिर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है। सूत्रों के मुताबिक, कोर्ट के आदेश को लागू करने के लिए सीबीआइ की टीम आज सुबह से अबू ताहिर के घर पर मौजूद हैं।
सीबीआइ ने अबू ताहिर को कई बार हल्दिया कैंप कार्यालय में तलब किया था, लेकिन वह पेश होने से बचते रहे। उसके बाद सीबीआइ की अर्जी के आधार पर हल्दिया अनुमंडल अदालत ने अबू ताहिर और तृणमूल के तीन नेताओं के नाम गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसके बाद सीबीआइ की टीम आज अबु ताहिर के घर पहुंची है।
अबू ताहिर पर यह है आरोप
बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने हिंसा के दौरान हुई हत्या जैसे मामलों की जांच सीबीआइ को सौंपी थी। इससे पहले सीबीआई ने अबू ताहिर समेत कई टीएमसी नेताओं को नोटिस भेजा था।
उनपर भाजपा कार्यकर्ता की हत्या में शामिल होने का आरोप है। दूसरी ओर, टीएमसी नेता अबू ताहिर ने दावा करते हुए कहा था भाजपा कार्यकर्ता देबब्रत माइती की हत्या समेत चिलग्राम हत्याकांड में टीएमसी नेताओं को फंसाने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने भाजपा नेता व नंदीग्राम से विधायक सुवेंदु अधिकारी पर फंसाने का आरोप लगाया था। गौरतलब है कि बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने नंदीग्राम समेत राज्य के अलग-अलग इलाकों में सत्तारूढ़ टीएमसी पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया था। भाजपा का आरोप था कि चुनाव में जीत के बाद टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कई जगह हिंसा की, जिसमें दर्जनों पार्टी कार्यकर्ताओं की जानें गई। हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ हत्या जैसे गंभीर मामलों की जांच कर रही है।