यूपी में अब स्कूल ड्रेस पहनकर पार्क-मॅाल में नहीं जा सकेंगे स्टूडेंट्स, सरकार ने लगाई रोक

उत्तर प्रदेश में मंत्रिपरिषद की मंगलवार को हुई बैठक में एक अहम फैसला लिया गया। इसमें सरकारी तथा सहायता प्राप्त प्राइमरी और पूर्व माध्यमिक स्कूलों के छात्रों की पोशाक, जूते-मोजे तथा अन्य सामग्री खरीदने के लिए रुपये अब सीधे उनके पेरेंट्स के बैंक खाते में भेजे जाएंगे। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में शिक्षण सत्र 2022-23 में प्रदेश के सभी काउंसिल प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों तथा अशासकीय सहायता प्राप्त प्राइमरी और पूर्व माध्यमिक स्कूलों में क्लास वन से आठ तक के छात्र-छात्राओं के लिए यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी खरीदने की रकम को सीधे उनके माता-पिता के बैंक खाते में भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। 

प्रवक्ता ने बताया कि इसके साथ ही मंत्रिपरिषद ने हर साल केंद्र से उसका हिस्सा प्राप्त होने का इंतजार किए बगैर छात्र-छात्राओं को फ्री यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी के सामान की पूरी रकम के एडवांस फाइनेंशियल सेंक्शन के प्रपोजल को अप्रूव्ड कर दिया है। शैक्षिक वर्ष 2022-23 में इस योजना से दो करोड़ छात्र-छात्राओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य है। पेरेंट्स के बैंक खाते में सीधे रकम के जाने से फ्री यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी खरीदने के लिए पारदर्शी सिस्टम बन सकेगा। 

मंत्रिपरिषद ने भविष्य में किसी प्रक्रिया या दरों में बदलाव के सम्बंध में फैसले लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। आपको बता दें कि प्रदेश के सभी सरकारी तथा सहायता प्राप्त प्राइमरी तथा पूर्व माध्यमिक स्कूलों में क्लास वन से आठ तक के छात्र-छात्राओं को यूनीफॉर्म केन्द्र एवं राज्य सरकार के बजट फ्री में मुहैया कराए जाने का प्रोविजन है। 

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