पूरी दुनिया में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का खतरा बढ़ रहा है. भारत में अब तक मंकीपॉक्स की संख्या बढ़कर कल 8 हो गई. एक मरीज की मौत भी हो चुकी है. मंकीपॉक्स को लेकर केंद्र सरकार पहले ही राज्यों को दिशा-निर्देश भी जारी कर चुकी है. केंद्र सरकार ने इस बीमारी पर नजर रखने और संक्रमण की रोकथाम को लेकर एक टास्क फोर्स का भी गठन किया है. नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण समेत कई और भी लोग शामिल हैं. दिल्ली सरकार ने मंकीपॉक्स को लेकर तीन अस्पतालों को आइसोलेशन वार्ड बनाने को कहा है. अब मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ( Health Ministry) ने गाइडलाइन जारी की है. गाइडलाइन में बताया कि मंकीपॉक्स से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं करें.
क्या करें
मंत्रालय ने इनफेक्टेड मरीजों से दूर रहने की हिदायत दी है
किसी संक्रमित व्यक्ति के आसपास हैं तो मास्क पहनिए और गलब्स का इस्तेमाल करिए.
साबुन या सैनिटाइजर से हाथ धोते रहिए.
मंकीपॉक्स के संक्रमित मरीज के साथ यौन संबंध नहीं बनाएं
क्या न करें
अपना तौलिया उनके साथ शेयर मत कीजिए जो कि किसी मंकीपॉक्स मरीज के संपर्क में आया हो
अपने कपड़े किसी भी संक्रमित व्यक्ति के कपड़ो के साथ नहीं धोएं
आपको लक्षण हैं तो किसी भी सार्वजनिक इवेंट या मीटिंग में नहीं जाएं. लोगों को गलत सूचना के आधार पर नहीं डराएं
अपना कप और खाना मंकीपॉक्स मरीज के साथ शेयर मत करिए
मंकीपॉक्स क्या है?
संयुक्त राष्ट्र संघ के मुताबिक शुरुआत में कई बंदरों में इस वायरस के होने की पुष्टि हुई थी. इसका नाम साल 1958 में मंकीपॉक्स पड़ा. पहला मंकीपॉक्स का मामला नौ महीने की लड़की में 1970 में कांगो में मिला था. मंकीपॉक्स के सबसे ज्यादा मामले मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के जंगलों में मिलते हैं. यहां के जानवर से ही इधर के लोगों को लोग संक्रमित हो जाते हैं. जो भी यहां की यात्रा करता उनको भी मंकीपॉक्स हो सकता है. इसका लक्षण बुखार, तेज सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द और पीठ में दर्द है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक विश्व के 75 देशों में कुल 22 हजार मामले आ चुके हैं.