स्वदेशी रूप से विकसित लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का सफलतापूर्व परीक्षण किया गया है। डीआरडीओ और भारतीय सेना द्वारा केके रेंज में मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन से आर्मर्ड कोर सेंटर एंड स्कूल (एसीसी एंड एस) अहमदनगर की सहायता से 4 अगस्त को इसका परीक्षण किया गया।
मिसाइलों ने सटीकता के साथ प्रहार किया और दो अलग-अलग रेंज में लक्ष्यों को सफलतापूर्वक भेदा। ऑल-इंडिजिनस लेजर गाइडेड एटीजीएम एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ईआरए) बख्तरबंद वाहनों को ध्वस्त करने लिए एक टेंडेम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (हीट) वारहेड का इस्तेमाल करता है।
एटीजीएम को मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन की 120 मिमी राइफल्ड गन से तकनीकी मूल्यांकन परीक्षण चल रहा है। आज के परीक्षणों के साथ न्यूनतम से अधिकतम सीमा तक लक्ष्यों को शामिल करने की एटीजीएम की क्षमता की स्थिरता सफलतापूर्वक स्थापित की गई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेजर गाइडेड एटीजीएम के सफल प्रदर्शन के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की सराहना की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने लेजर गाइडेड एटीजीएम के परीक्षण फायरिंग से जुड़ी टीमों को बधाई दी ।