हाई कोर्ट ने दिल्ली में पतंगबाजी पर प्रतिबंध लगाने से किया इनकार

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने पतंग उड़ाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की रिपोर्ट पर भरोसा जताया है, जिसमें चीनी मांझे पर पहले से प्रतिबंध लगे होने और उल्लंघन के मामलों में कड़ी कार्रवाई जारी होने का भरोसा दिलाया गया है.

सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि चीनी मांझे पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. याचिका वकील संसार पाल सिंह ने दायर किया था. याचिका में चीनी मांझे पर पूरी तरह से रोक लगाने की मांग की गई थी. इसमें मांग की गई थी कि चीनी मांझे वाले पतंगों को बनाने, उनकी बिक्री, और परिवहन पर रोक लगाई जाए. इसमें कहा गया था कि चीनी मांझों के पतंगों की वजह से पक्षी लगातार घायल होते रहते हैं.

याचिका में कहा गया था कि दिल्ली पुलिस एक्ट की धारा 94 में उन पतंगों को उड़ाने पर पाबंदी लगाई गई है, जिससे मनुष्यों और पशु-पक्षियों को नुकसान पहुंचे. इसमें कहा गया था कि हर बार दिल्ली में पतंगबाजी प्रतियोगिता होती है, जिसमें एक पतंगबाज दूसरे पतंगबाज के पतंग को गिराना चाहता है. इस प्रतियोगिता में जीतने के लिए हर प्रतियोगी शीशा या धातु लगे मांझा या चीनी मांझे का इस्तेमाल करना चाहता है. ये मांझे किसी के लिए भी घातक साबित होते हैं.

याचिका में 25 जुलाई को हैदरपुर फ्लाईओवर पर एक 30 वर्षीय युवक की चीनी मांझे की वजह से हुई मौत का जिक्र किया गया था. बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने 2016 में देश भर में मांझे पर बैन लगा दिया था. इन मांझों में चीनी मांझे भी शामिल हैं. एनजीटी की ये रोक नायलॉन मांझा और शीशे के परत वाले मांझे पर भी लगाई गई है.

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