154 किलोमीटर लंबे पठानकोट-जोगिंद्रनगर ट्रैक पर रेल सेवा अनिश्चित काल के लिए बंद कर दी गई है। बरसात से ट्रैक पर पत्थरों के गिरने, भूस्खलन और पुलों के क्षतिग्रस्त होने की वजह से यह फैसला लिया गया है। बरसात खत्म होने के बाद ही इस ट्रैक पर मरम्मत का काम शुरू होगा। उसके बाद आईआईटी रुड़की से क्लीन चिट मिलने पर सेवा को बहाल किया जाएगा। छोटी लाइन के इस हेरिटेज रेल ट्रैक पर बीते 14 जुलाई से सेवा बंद है।
उत्तर रेलवे के फिरोजपुर मंडल की डीआरएम सीमा शर्मा ने बताया कि पुल संख्या 32 को हुई क्षति चिंताजनक है। पुल के बांध का एक हिस्सा स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है जिससे ट्रैक खराब हो गया है। उत्तर रेलवे मुख्यालय और आईआईटी रुड़की के परामर्श के अनुसार पुल की मरम्मत करने की योजना बनाई जा रही है। इसकी मरम्मत में काफी समय लगेगा। वर्तमान स्थिति में इस ट्रैक पर रेल यातायात बहाल करना संभव नहीं है। लिहाजा, बरसात के बाद मरम्मत कार्य शुरू होगा और उसके बाद ही रेलगाड़ियों को दौड़ाने का निर्णय लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन जोगिंद्रनगर में तीन माह से कोई भी रेलगाड़ी नहीं पहुंच पाई है। पहले बैजनाथ में रेलवे के ओवरब्रिज के निर्माण कार्य की वजह से और अब बरसात के कारण यहां रेलगाड़ी की आवाजाही पर विराम लग गया है।
इन स्थानों पर बाधित है ट्रैक
डलहौजी रोड-नूरपुर (पुल संख्या 32 के सुरक्षा कार्यों तथा बांध को हुई क्षति के कारण, पुल संख्या 70 पर पानी खतरे के निशान से ऊपर होने के कारण), नूरपुर-तलारा, नगरोटा सूरियां-गुलेर, गुलेर-ज्वालामुखी रोड, ज्वालामुखी रोड-कोपर लाहड़, कोपर लाहड़-कांगड़ा, नगरोटा-पालमपुर, पालमपुर-बैजनाथ पपरोला, बैजनाथ पपरोला-आह्जू क्षेत्र में ट्रैक बाधित है।