श्रीलंका: देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे जा सकते हैं थाईलैंड

कोलंबो, 10 अगस्त (भाषा) श्रीलंका के सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनके छोटे भाई एवं पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे पर विदेश यात्रा प्रतिबंध की अवधि पांच सितंबर तक बढ़ा दी। दोनों को श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक संकट के लिए व्यापक तौर पर जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

शीर्ष अदालत ने गत एक अगस्त को उस वक्त राजपक्षे और उनके छोटे भाई पर विदेश यात्रा प्रतिबंध चार अगस्त तक बढ़ा दिया था, जब मौजूदा आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच के आदेश जारी करने के लिए अदालत से अनुरोध करने वाली याचिका से संबंधित एक प्रस्ताव आया था। अदालत ने तीन अगस्त को एक बार फिर यह अवधि 11 अगस्त तक के लिए बढ़ाई थी।

एक समाचार पोर्टल ने ट्वीट किया, ‘‘महिंदा और बेसिल पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध को सर्वोच्च न्यायालय ने पांच सितंबर तक बढ़ा दिया है।’’

सीलोन चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष चंद्र जयरत्ने, श्रीलंका के पूर्व तैराकी चैंपियन जूलियन बोलिंग और ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल श्रीलंका के एक समूह की याचिका में दावा किया गया है कि बेसिल, महिंदा और सेंट्रल बैंक के पूर्व गवर्नर अजित निवार्ड काबराल श्रीलंका में आर्थिक संकट के लिए सीधे जिम्मेदार थे। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इन सभी की गलत नीतियों से उत्पन्न वर्तमान आर्थिक संकट के कारण खाद्यान्न, ईंधन और दवाओं जैसी बुनियादी वस्तुओं की भारी कमी हो गई।

श्रीलंका की शीर्ष अदालत ने गत 15 जुलाई को तीनों के 28 जुलाई तक देश छोड़ने पर रोक लगा दी थी। बाद में इस प्रतिबंध को दो अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया था।

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति एवं महिंदा और बेसिल के भाई गोटबाया राजपक्षे मालदीव के रास्ते ‘‘निजी यात्रा’’ पर 14 जुलाई को सिंगापुर पहुंचे थे। वह अपनी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के खिलाफ हुए विद्रोह से बचने के लिए अपने देश से भाग गए थे।

राजपक्षे को सिंगापुर द्वारा एक नया वीजा जारी किया गया है, जिसके जरिये वहां उनके प्रवास को 11 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है।

श्रीलंका का कुल विदेशी कर्ज 51 अरब डॉलर है।

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