राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा को रोका जा सकता था. ये दावा फेसबुक के पूर्व कर्मचारी मार्क एस लकी ने दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति के सामने किया है. राघव चड्ढा की अध्यक्षता में हुई बैठक में लकी ने फेसबुक के पॉलिसी हेड समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों पर राजनीतिक दलों के इशारे पर काम करने के आरोप लगाए. लकी ने अपने बयान में कहा कि अगर फेसबुक ने सही समय पर कार्रवाई की होती तो दिल्ली दंगा, म्यांमार जनसंहार और श्रीलंका में हुए दंगों को आसानी से रोका जा सकता था. समिति के समक्ष गवाह ने बताया कि उनकी राय में संबंधित देशों की क्षेत्रीय नीतियों और निष्क्रियता से दुनियाभर में हिंसा को बढ़ावा मिला है. लकी ने स्वीकार किया है कि गलत जानकारियों की वजह से हिंसा को बढ़ावा मिलता है. उन्होंने ये भी कहा कि फेसबुक कंटेंट मॉडरेशन के संबंध में ऐसी नीतियां बना रहा है, जो पारदर्शी नहीं हैं.