पश्चिम बंगाल से एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं. शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच में बरामद हुए 50 करोड़ रुपए कैश मिलने के बाद झारखंड के तीन विधायक लाखों की कैश के साथ गिरफ्तार हुए. अब एक बार फिर पश्चिम बंगाल वित्त विभाग की जांच शाखा, आर्थिक अपराध निदेशालय (डीईओ) ने राज्य में लगभग 2,000 करोड़ रुपए के वित्तीय गबन से जुड़े एक पोंजी रैकेट का पता लगाने का दावा किया है.
राज्य के एक वित्तीय अधिकारी ने कहा कि रविवार दोपहर से देर रात तक, डीईओ के अधिकारियों ने दक्षिण कोलकाता के हरीश मुखर्जी रोड पर कोलकाता के एक व्यवसायी अमरनाथ श्रॉफ के आवास पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया. उस अधिकारी ने कहा कि कोलकाता के एक अन्य व्यवसायी शांति सुराणा को हाल ही में दक्षिण कोलकाता के बालीगंज स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया है. प्रारंभ में यह माना जाता था कि पोंजी रैकेट के पीछे सुराणा एकमात्र दिमाग था. हालांकि, पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया कि व्यापार में उसका एक साथी भी था, जिसका नाम अमरनाथ श्रॉफ था. इसके बाद उनके आवास पर भी छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया गया.
यह पता चला है कि श्रॉफ, सुराणा के साथ एक रियल एस्टेट प्रमोटर भी है, जिसने कई लोगों को रियल एस्टेट प्रचार योजनाओं में निवेश करने के लिए भारी रिटर्न के वादा कर निवेश आकर्षित किया था. राज्य के वित्त विभाग के सूत्रों ने कहा कि दोनों का टारगेट मुख्य रूप से धनी वृद्ध व्यक्ति थे, जिनके बच्चे उनसे दूर रहते थे. राज्य के वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस प्रक्रिया में उन्होंने औसतन लगभग 25 लाख रुपये से 3 करोड़ रुपये जुटाए. दोनों द्वारा जमा की गई कुल धनराशि लगभग 2,000 करोड़ रुपए है.
पता चला है कि रविवार दोपहर से देर रात तक चले छापे व तलाशी अभियान में डीईओ अधिकारियों ने पोंजी कारोबार से जुड़े कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए. राज्य वित्त विभाग के अधिकारी ने कहा है कि हमारे जांच अधिकारियों को संदेह है कि कुछ और लोग इस खेल में शामिल हो सकते हैं और वे दस्तावेजों की जांच के जरिए उनका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.