जालौर: दलित छात्र की मौत के मामले में जांच के लिए एसआईटी गठित

जालोर में दलित छात्र की मौत वाला मामता तूल पकड़ता जा रहा है. पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं परिवार मामले की SIT जांच चाहता है. अब राजस्थान सरकार ने उस मांग मानते हुए SIT जांच के आदेश दे दिए हैं. ये जांच देवाराम चौधरी की अध्यक्षता में की जाएगी.

जानकारी के लिए बता दें कि इस घटना के सामने के बाद से ही गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर है. चुनावी मौसम है, ऐसे में बीजेपी भी लगातार सियासी हमले कर रही है. आरोप लग रहा है कि राजस्थान में कानून व्यवस्था का राज नहीं है, दलितों का सम्मान नहीं है. बढ़ते विवाद के बाद सबसे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पांच लाख रुपये आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया था और फिर बाद में परिजनों से भी मुलाकात की. अब सीएम ने इस मामले में SIT जांच के आदेश भी दे दिए हैं.

वैसे जिस मामले में SIT जांच के आदेश दिए गए हैं, कुछ दिन पहले सचिन पायलट ही अपनी सरकार पर सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने कहा था कि फिर कोई घटना होगी तब हम एक्शन लेंगे? इस सिस्टम को बदलना होगा. आजादी को 75 साल पूरे हो गए हैं. जिस तरह से जातिगत भेदभाव हो रहा है और यह घटना हुई है, वो कहीं ना कहीं बड़े सवाल खड़े करती है. पायलट ने चुटकी लेते हुए कहा कि सरकार हमारी है, लेकिन आप और हम सभी का दायित्व बनता है कि परिवार को नयाय दिलाएं. सरकार को निजी स्कूल की मान्यता रद्द करके एक अच्छा संदेश देना चाहिए ताकि आमजन और सरकार में भरोसा कायम हो.

जानकारी के लिए बता दें कि जालोर में 9 साल के एक बच्चे ने जब स्कूल के मटके को पानी पीने के लिए छुआ, तो उसे स्कूल टीचर ने इतना पीटा कि उसकी कान की नस फट गई. बाद में जब उसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया तो इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. ये अलग बात है कि स्कूल प्रशासन का दावा है कि किसी भी बच्चे को पानी पीने से नहीं रोका गया था, बल्कि एक झगड़ा हुआ था जिसके बाद शिक्षक ने हाथ उठाया. अब कौन सच बोल रहा है, ये जांच का विषय है और SIT इसमें जुट चुकी है.

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