हिमाचल: भगवंत मान और सिसोदिया ने जनसमूह को संबोधित किया

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती दिखाई दे रही है। इस साल के आखिर में हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रस्तावित हैं। हिमाचल प्रदेश में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में होता रहा है। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी के आने से चुनाव दिलचस्प होता दिखाई दे रहा है। आम आदमी पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। यही कारण है कि अमर पार्टी के वरिष्ठ नेता लगातार हिमाचल प्रदेश के दौरे पर जा रहे हैं। आज हिमाचल के ऊना में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और मनीष सिसोदिया ने एक जनसमूह को संबोधित किया। इस दौरान दोनों नेताओं ने भाजपा पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधा।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ऊना में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने मुझे एक संदेश भेजा कि सरकार मुझे सलाखों के पीछे डाल देगी और मुझसे आप और अरविंद केजरीवाल को छोड़ देने के लिए कहा और अगर मैं पार्टी तोड़ता हूं तो मुझे सीएम बनाने के साथ-साथ मेरे खिलाफ सभी मामले खत्म कर देंगे। सिसोदिया ने कहा कि अन्य राज्य सरकारों को गिराने और उन्हें डराने के बजाय, उन्हें (भाजपा) लोगों के लिए बेहतर काम करना चाहिए। यह सरकारों को गिराने की तुलना में कम प्रयासों से हो सकता है। वे ‘सीरियल किलर’ हैं और लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि दिल्ली की तरह, हम हिमाचल प्रदेश में सरकारी अस्पतालों के बुनियादी ढांचे के उन्नयन के साथ-साथ मोहल्ला क्लीनिक भी खोलेंगे। साथ ही, राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों का खर्च वहन करेगी। 

पंजाब CM भगवंत मान ने कहा कि स्वास्थ क्षेत्र में देश पीछे रह गया है। मेडिकल कॉलेज खोलने में हम लेट हैं। इसका उदाहरण हमें 4-5 महीने पहले मिला जब रूस-यूक्रेन की जंग हुई। हजारों भारतीय छात्रों ने गुहार लगाई, उनकी जान को खतरा था। उनको वापस लाया गया। भगवंत मान ने कहा कि उनको वापस लाने की भी खूब प्रचार हुआ। आज से 25 साल पहले आज़ाद हुए देश में 75 साल पहले आज़ाद हुए देश के छात्रों को पढ़ाई करनी पड़ रही थी, इसके क्या कारण थे? राज्य में प्रवेश करने की कोशिश कर रही आप ने 17 अगस्त को शैक्षणिक मानकों में सुधार से संबंधित ‘‘गारंटी’’ मतदाताओं को दी थी। मान और सिसोदिया ने पिछले हफ्ते कहा था कि दिल्ली की तर्ज पर राज्य के सभी स्कूलों में सुधार किया जाएगा, निजी स्कूलों को अवैध रूप से फीस बढ़ाने की अनुमति नहीं होगी, अस्थायी शिक्षकों को नियमित किया जाएगा, शिक्षकों के रिक्त पद भरे जाएंगे और उन्हें गैर शैक्षणिक कार्य नहीं दिया जाएगा।

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