जजों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए याचिका, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह न्यायिक अधिकारियों और वर्तमान तथा सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए प्रणाली बनाने की एक याचिका पर 15 नवंबर को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने शीर्ष अदालत के महासचिव से इस मामले के संबंध में न्यायपालिका द्वारा अपनाई जाने वाली मौजूदा प्रणाली पर उनका रुख रखने को कहा।

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने अदालत से कहा कि वह मामले में कुछ अतिरिक्त सामग्री रखना चाहती हैं। पीठ में न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति विक्रमनाथ भी शामिल रहे। पीठ ने मामले में निर्देश देने के लिए 15 नवंबर की तारीख तय की। जयसिंह ने पीठ से कहा कि शीर्ष अदालत ने याचिका में एक आवेदन पर पहले नोटिस जारी किया था। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि शीर्ष अदालत के महासचिव इस मुद्दे पर अदालत के समक्ष अपना रुख रखें।

जयसिंह ने पीठ को बताया कि शीर्ष अदालत ने पहले याचिका में एक प्रार्थना पर नोटिस जारी किया था। वरिष्ठ वकील ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि शीर्ष अदालत के महासचिव इस मुद्दे पर अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखें। पीठ ने शीर्ष अदालत के महासचिव की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह कह रही हैं कि जहां तक तंत्र का संबंध है, मामले में कुछ प्रगति हुई है। पीठ ने कहा कि आपको उनके अनुसार, आप जिस तंत्र का पालन करते हैं उसे भी रिकॉर्ड में रखना होगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील ने कहा है कि याचिका में प्रतिवादियों में से दो को पार्टियों के समूह से हटाया जा सकता है क्योंकि उनके खिलाफ किसी राहत का दावा नहीं किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here