अन्ना हजारे के कंधे पर बंदूक रखकर चलाई जा रही : केजरीवाल

नई दिल्ली। शराब नीति को लेकर अन्ना हजारे की चिट्ठी पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनके (अन्ना हजारे के) कंधे पर बंदूक रखकर चलाई जा रही है। ये लोग (भाजपा) जब भी मेरे ऊपर आरोप लगाते हैं जनता उसे गंभीरता से नहीं लेती है। तब ये किसी न किसी को सामने लेकर आते हैं। इस बार शराब नीति में अन्ना हजारे का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अरविंद केजरीवाल ने यह बातें मंगलवार को सरिता विहार में 330 बेड वाले निर्माणाधीन अस्पताल के दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहीं। केजरीवाल ने कहा कि मुझे याद है कि जब पंजाब में चुनाव थे, तब मुझे आतंकी कहा गया। उस समय भी जनता ने नहीं माना। उस समय भी इन लोगों ने कुमार विश्वास को सामने किया। इस बार शराब में घोटाला-घोटाला चिल्ला रहे हैं लेकिन जनता नहीं सुन रही है। सीबीआई जांच कर ली, वहां भी कुछ नहीं मिला तो अब अन्ना हजारे जी के कंधे पर बंदूक रखकर चलाई जा रही है। अब सिर्फ राजनीति हो रही है। जांच करनी है तो दिल्ली के अंदर विधायकों को 20-20 करोड़ देकर खरीदने की कोशिश की जांच होनी चाहिए। इसकी जांच सीबीआई से क्यों नहीं कराई जा रही है।

सारी कार्रवाई राजनीति से प्रेरित

मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर की जांच के सवाल पर केजरीवाल ने कहा कि जब हम सार्वजनिक जीवन में आते हैं तो हमें जांच के लिए तैयार रहना चाहिए। सीबीआई ने पूरी जांच कर ली है। मनीष के घर पर 14 घंटे जांच हुई, लेकिन कुछ नहीं मिला। उनसे सीबीआई ने पूछताछ की जिसमें उन्होंने सभी सवालों के जवाब भी दे दिए। आज बैंक का लॉकर भी चेक कर लिया, वहां भी कुछ नहीं मिला। एक तरह से देखें तो अनौपचारिक तौर पर सीबीआई की क्लीन चिट मिल गई। फिर भी सीबीआई राजनीतिक दबाव में मनीष को गिरफ्तार करेगी। यह सारी कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है।

सभी को एक जैसी शिक्षा मिलनी चाहिए

केजरीवाल ने कहा कि हमारे ऊपर रोज नए घोटाले का आरोप लगाया जाता है। शराब में कुछ नहीं मिला तो कहने लगे कि स्कूल ज्यादा क्यों बनाए, स्कूल में कमरे क्यों ज्यादा बनाए। अरे बनाए तो वह खाली थोड़े हैं। उसमें मेरा परिवार नहीं रह रहा। वहां बच्चे पढ़ रहे हैं। स्कूलों में महंगे उपकरण को लेकर भी सवाल उठाते हैं। मैं कहता हूं कि मैं सभी गरीब और अमीर के बच्चों को एक बराबर अच्छी शिक्षा देना चाहता हूं। वह कहते हैं कि गरीब के बच्चों को इसकी क्या जरूरत है। मैं कहता हूं कि सभी को एक जैसी शिक्षा मिलनी चाहिए। एमसीडी के स्कूलों का देखो, बुरा हाल है। वहां भी हमारी सरकार आई तो हम एमसीडी के स्कूल भी ठीक करेंगे। हमारा तो फोकस ही शिक्षा और स्वास्थ्य है।

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