महीने भर पहले हाथरस में एक लड़की के साथ गैंगरेप हुआ था। इसके बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। जिसको लेकर पूरे देश में गुस्सा था। इस बीच केरल के एक पत्रकार सिद्दीक कप्पन भी हाथरस आ रहे थे, जिस पर पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया। अब पत्रकार की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही उस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। हालांकि सर्वोच्च अदालत ने भी कप्पन को जमानत नहीं दी।
कप्पन की पत्नी के मुताबिक उनके पति एक स्वतंत्र पत्रकार हैं। 6 अक्टूबर को हाथरस जाते वक्त मथुरा पुलिस ने टोल प्लाजा के पास उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ ही तीन अन्य की भी गिरफ्तारी हुई थी। जिनके नाम अतीक उर रहमान, मसूद और आलम हैं। ये गिरफ्तारी धारा CRPC की धारा 151 के तहत हुई, तब से वो जेल में बंद हैं। जेल प्रशासन उन्हें उनके पति से मिलने की इजाजत नहीं दे रहा है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्नब गोस्वामी को जमानत दी थी। ऐसे में उन्हें लगा कि उनके पति को भी सर्वोच्च अदालत में इंसाफ मिलेगा। वहीं जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने पत्रकार को जमानत देने से इनकार कर दिया। साथ ही यूपी सरकार को इस संबंध में नोटिस जारी किया है और विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
क्या है कप्पन पर आरोप?
कप्पन पर आरोप है कि वो कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबंध रखता है। साथ ही वो अपने साथियों के साथ हाथरस शांतिभंग करने आ रहा था। उसके पास से लैपटॉप, फोन और कुछ साहित्य की किताबें मिली थीं। जब राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड गए थे, तो उन्होंने कप्पन के परिवार से मुलाकात की थी। इस दौरान हर संभव मदद का भरोसा दिया था।