चंडीगढ़ साइबर सेल ने फर्जी लोन एप के जरिए लोगों को कर्ज देकर ब्लैकमेल और ठगी करने वाले 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले सभी आरोपियों को पुलिस ने पांच राज्यों से गिरफ्तार किया है। इस पूरे गिरोह को चलाने वाला मास्टरमाइंड चीन का है। एसएसपी ने बताया कि अब तक फर्जी लोन एप से ठगी का शिकार होने वाले 58 लोग आरोपियों की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर खुदकुशी कर चुके हैं।पिछले हफ्ते ही आंध्र प्रदेश के एक दंपती ने इसी प्रकरण में सुसाइड कर लिया था। सात आरोपियों को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वहीं पुलिस 10 आरोपियों को रिमांड खत्म होने के बाद मंगलवार को अदालत में पेश करेगी। चार आरोपी अभी रिमांड पर चल रहे हैं। चंडीगढ़ साइबर सेल के पास अब तक लोन एप से ठगी की 98 शिकायतें आ चुकी हैं।
34 वर्षीय वान चेंघुआ चलाता है पूरा गिरोह
पुलिस के अनुसार चीन का रहने वाला वान चेंघुआ (34) पूरे गिरोह को संचालित करता था। इसके अलावा पकड़े गए आरोपियों की पहचान राजस्थान के अलवर निवासी अर्जुन सैनी (27), राजस्थान के दौसा के लेखराज बाइरवा (23), नोएडा के सेक्टर 49 निवासी अंशुल कुमार (25), झारखंड के रांची निवासी परवराज आलम उर्फ सोनू भडाना (32), दिल्ली के साउथ वेस्ट स्थित नायक पाना मोहल्ला निवासी मनीष (28), दिल्ली साउथ वेस्ट के अंबेडकर कॉलोनी निवासी संदीप (23), रेवाडी के गांव बोखा निवासी गयानदीप (20) के रूप में हुई है।
पुलिस ने महेंद्रगढ़ के गांव बुच्चावास निवासी आशीष कुमार तंवर (21), दिल्ली साउथ वेस्ट के गांव कापाशेरा निवासी दीपक चंद (22), दिल्ली साउथ वेस्ट के बिजवासन निवासी सौरव झा (22), न्यू दिल्ली के अंबेडकर कॉलोनी निवासी हेमंत कुमार (20), दिल्ली साउथ वेस्ट स्थित जिंदल कॉलोनी निवासी मनवेंद्र राघव (23), उत्तर प्रदेश के जिला कुशीनगर के गांव बलटाल्या निवासी नीरज सिंह (20), बिहार के जिला दरभंगा निवासी ओम प्रकाश झा (20), उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला के सिविल लाइन रोड निवासी मंजीत कुमार (20), ओडिशा के पारादीप के गांव उदयभट्ठा निवासी उत्तम मलिक (24) , उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के गांव तमकूहीराज निवासी आशीष मिश्रा (22), बिहार के जिला जमुई के गांव अमारथ निवासी विकास माहतो (21), नोएडा के संदीप एन्क्लेव निवासी राजेश कुमार (19) और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के गांव करीमूदिनपुर निवासी राजीव कुमार (23) के रूप में हुई है।
वान चेंघुआ का हो चुका है वीजा खत्म
एसपी केतन बंसल ने बताया कि आरोपी वान चेंघुआ का वीजा खत्म हो चुका था। वह नोएडा में रह रहा था। चेंघुआ चीन में बैठे अपने एक और साथी संग मिलकर लोगों को ठग रहा था। चीन में बैठा शख्स वान चेंघुआ को अलग-अलग तरीके से एप तैयार करके देता था। इसके बाद चेंघुआ उन एप की मदद से इस पूरे खेल को संचालित करता था।
चेन की तरह चल रहा था काम, बांग्लादेश भागने की फिराक में था आरोपी
पुलिस ने बताया कि वान चेंघुआ ने इस कारोबार को चलाने के लिए सैलरी और कमीशन के तौर पर परवाज आलम उर्फ सोनू भडाना को रखा था। परवाज ने आगे छह से सात टीम लीडर रखे थे। उसने आगे कई युवक और युवतियों को रखा था। उनका काम सिर्फ लोगों को लिंक भेजकर झांसे में लेना और रुपये ठगना था। पुलिस ने बताया कि परवाज आलम बांग्लादेश भागने की फिराक में था।
रुपये न देने पर भेजते थे अश्लील तस्वीरें
आरोपी लोगों को लोन के लिए एक लिंक भेजते थे। जिसमें तीन से पांच हजार रुपये तक लोन लेने का विकल्प होता था। जरूरतमंद व्यक्ति उस एप को डाउनलोड कर लोन ले लेता था। इसके एक हफ्ते बाद आरोपी लोन के तीन गुना पैसे मांगते थे। जब पीड़ित तीन गुना रुपयों के बारे में पूछते थे तो वह पीड़ित की तस्वीर को किसी महिला के साथ जोड़ देते थे या पीड़ित की पत्नी और मां की तस्वीर को किसी व्यक्ति के साथ जोड़कर उसके मोबाइल पर भेज देते थे। जिसे वह वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करता था। आरोपी लोन के रुपये लेने के बाद पीड़ित को धमकी देते थे।
पुलिस ने 45 लाख रुपये करवाए जब्त, 17.31 लाख रुपये बरामद
पुलिस ने आरोपियों से 17 लाख 31 हजार रुपये बरामद किए हैं। इनमें से वान चेंघुआ से 11 लाख 31 हजार रुपये और अंशुल कुमार से 6 लाख रुपये बरामद किए हैं। एसपी केतन बंसल ने बताया कि ठगी करने के दौरान आरोपी जिस खाते में रुपये मंगवाते थे पुलिस ने उन खातों के बारे में जानकारी होने पर सीज करवा दिया था। उन खातों में 45 लाख रुपये थे। आरोपी रोजाना सैकड़ों लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे।
लोन एप डाउनलोड करते ही फोन का सारा डाटा पहुंच जाता था आरोपियों के पास
आरोपियों की ओर से भेजा गया लिंक डाउनलोड करते ही पीड़ित के मोबाइल की गैलरी का डाटा और संपर्क लिस्ट आरोपियों के पास होती थी। आरोपी पीड़ित को ब्लैकमेल करने के लिए गैलरी में से फोटो निकाल लेते थे और संपर्क लिस्ट से मोबाइल नंबर ले लेते थे। इसके बाद पीड़ित के सभी जानकारों और रिशतेदारों को अश्लील तस्वीरें भेजने की चेतावनी देकर ठगी करते थे। एसपी केतन बंसल ने बताया कि उन्होंने गूगल को फर्जी एप बंद करने के लिए पत्र लिखा है, क्योंकि ठगों ने गूगल पर जाल बिछा लिया है।