यूपी: मुख्तार अंसारी पेशी के लिए बांदा जेल से मऊ कोर्ट के लिए रवाना

महीनों बाद एक बार फिर माफिया मुख्तार अंसारी बांदा जेल से बाहर पेशी के लिए लाया गया। बांदा जेल से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुख्तार अंसारी को मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया गया। यहां करीब एक घंटे तक कचहरी के कटघरे में मुख्तार खड़ा रहा। इस दौरान असलहा लाइसेंस के मामले में मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज गैंगस्टर के मुकदमे में उस पर आरोप तय हो गए। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी समेत चार लोगों पर आरोप तय कर दिए हैं। अब गवाही का सिलसिला शुरू होगा। इसके लिए 30 सितंबर की तिथि निर्धारित की गई है। मुख्तार की पेशी को देखते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट व शहर के अन्य क्षेत्रों में भी सुरक्षा बल तैनात थे। इससे पहले 28 मार्च को लखनऊ की अदालत में मुख्तार अंसारी की व्यक्तिगत पेशी हुई थी।

अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नं 1/ एमपी-एमएलए की विशेष अदालत के न्यायाधीश दिनेश चौरसिया ने मुख्तार अंसारी को बांदा जेल व सलीम को बाराबंकी व अनवर सहजानंद को गाजीपुर जेल से आरोप निर्धारित करने के लिए अदालत में व्यक्तिगत रूप से 15 सितम्बर को उपस्थित करने का आदेश दिया था। इससे पहले अभी तक वीडियो कान्फ्रेसिग से पेशी होती रही। गुरुवार को बांदा जेल से मुख्तार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वाराणसी और गाजीपुर होते हुए मऊ लाया गया। 

मऊ की विशेष अदालत में सुबह 11.50 पर मुख्तार अंसारी को पेश किया गया। एक घंटे तक मुख्तार अदालत के कटघरे में रहा और उस पर आरोप तय हुए। इसके बाद 12.50 पर दोबारा उसे पुलिस वाहन में लाकर बांदा के लिए रवाना कर दिया गया। बताया जाता है कि इस दौरान उसके कुछ समर्थक भी आसपास दिखाई दिये लेकिन पुलिस ने उन्हें मुख्तार के करीब आने नहीं दिया। मीडिया वालों को भी मुख्तार अंसारी से किसी तरह के सवाल जवाब पूछने का मौका नहीं दिया गया। 

गौरतलब है कि मऊ के दक्षिण टोला थाना क्षेत्र इलाके के आधा दर्जन लोगों को मुख्तार अंसारी ने विधायक रहते अपने लेटर पैड पर असलहा लाइसेंस के लिए संस्तुति की थी। विधायक की संस्तुति के कारण असलहा लाइसेंस जारी भी हुआ था। बाद में जांच हुई तो सभी पते फर्जी पाए गए। इस मामले में मुख्तार अंसारी सहित सभी आधा दर्जन आरोपियों पर गैंगस्टर लगाया गया था। 

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