सीतापुर जिले में बीते तीन दिनों से जारी बरसात का प्रकोप अब सभी पर आफत बन कर टूट रहा है। बीते 24 घंटे के दौरानभी 29 मिलीमीटर बारिश हुई। लगातार जारी आफत की इस बारिश से दो शताब्दी पुराने एक मंदिर समेत कई अन्य जगहों पर मकानों की दीवारें ढह गईं। बिजली गिरने से एक प्लाईवुड फैक्ट्री व एक पानी का टैंक भी क्षतिग्रस्त हो गया।
बेमौसम हो रही इस भारी बारिश के कारण धान, उरद की फसल के साथ ही खेतों में तैयार सब्जियों को भी भारी नुकसान हुआ है। परेशानहाल किसानों का कहना है कि अगर अगले दो तीन दिनों में मौसम साफ नहीं हुआ तो धान की गुणवत्ता में 25 फीसदी तक गिरावट आने के साथ ही फसल खराब होने से भारी नुकसान में उठाना पड़ेगा।
लगातार हो रही बारिश के कारण शहर में मालगोदाम के पास, एनसीसी ऑफिस के सामने, पूर्णागिरि नगर, पटिया से दुर्गापुरवा मार्ग तथा खूबपुर में हुए भारी जल भराव ने लोगों को आवागमन तक बंद कर दिया है। जलनिकासी न होने से नालियों की गंदगी बरसाती पानी के साथ घरों में घुस कर परेशानी को और बढ़ा रहा है।
तंबौर में भी मुख्य मार्ग पर जल भराव के साथ ही देहात के मजरा बंगरहिया व रामकिशन पुरवा के लोगों का सड़क तक पहुंचना भी दुश्वार हो गया है। रतनगंज मार्ग से कस्तूरबा विद्यालय के सामने मुख्य रास्ते पर पानी भर जाने से छात्र छात्राओं को खासी दिक्कत हो रही है।
बारिश ने सबसे अधिक नुकसान लहरपुर तहसील में किया है। यहां के मोहल्ला अंबर सरांय स्थित 200 साल पुराना महावीरन मंदिर की दीवार शुक्रवार को अचानक भर भराकर ढह गया। भवानीपुर में महेश, गजोधर, जोधा, श्रीकृष्ण सिंह , मिही लाल, शत्रोहन तथा रमुवापुर निवासी अखिलेश के घरों की कच्ची दीवारें भी ढह जाने से काफी नुकसान हुआ। हालांकि गनीमत यह रही कि इसमें कोई जनहानि नही हुई। तहसीलदार शशी बिंद द्विवेदी ने बताया कि नुकसान का स्थलीय निरीक्षण कराते हुए मदद के लिए सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसी तरह तंबौर-छतांगुर रोड स्थित इश्तियाक मलिक की बंद पड़ी प्लाई वुड फैक्टरी पर बिजली गिरने से बरामदे की छत व दीवार क्षतिग्रस्त हो गई। इश्तियाक मलिक ने बताया घटना के समय फैक्टरी के चौकीदार दिनेश ठाकुर ने भागकर अपनी जान बचाई। रेउसा क्षेत्र के मंगल पुरवा मजरा सेवता निवासी बलबीर सिंह के घर के बाहर बने पक्के टैंक पर भी बिजली गिरने से पानी का एक टैंक व दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गई।
पानी भर जाने से फसल के सड़ने का खतरा
खेतों में लगी धान की फसल के गिर जाने से किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। पहले सूखा और फिर भारी बारिश को लेकर वैसे भी फसल का उत्पादन कम होने की संभावना प्रबल हो गई है। अब फसल गिरने से क्वालिटी खराब होने की खतरा भी पैदा हो गया है। किसान कमलेश कुमार, दिनेश पटेल, राजित राम, बृजमोहन, मनोज कुमार, हरीश कुमार ने बताया धान की गिरी फसल पानी में रहने से दाना सड़ने का खतरा बढ़ गया है। कद्दू, तोरई, लौकी सहित अन्य सब्जी की फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। किसानों ने क्षेत्र में फसलों के नुकसान का आकलन कराते हुए मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।
जिला कृषि अधिकारी मनजीत कुमार का कहना है कि बारिश से अभी धान की फसल को खास नुकसान नहीं है। यदि शनिवार को धूप निकल आए तो क्वालिटी पर भी असर नहीं पड़ेगा। यदि अगले दो तीन दिनों तक मौसम साफ नहीं हुआ तो धान की फसल को 25 फीसदी तक नुकसान हो सकता है।