लखनऊ। कानपुर में ट्रैक्टर-ट्राली हादसे में 26 लोगों की मौत के बाद योगी सरकार ने इसके उपयोग को लेकर सख्त कदम उठाया है। अब कृषि और गैर कृषि कार्य में इस्तेमाल होने वाली ट्रैक्टर-ट्रालियों का रंग अलग-अलग करने की तैयारी की जा रही है। इससे दूर से ही दोनों तरह की ट्रैक्टर-ट्रालियों की पहचान हो सकेगी। इसके लिए परिवहन विभाग जल्द ही प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजेगा।
कानपुर हादसे के बाद प्रदेश सरकार ने ट्रैक्टर-ट्रालियों को व्यवस्थित करने के लिए पांच अधिकारियों की समिति बना दी थी। इस समिति को दो हफ्तों में अपनी संस्तुतियां सरकार को भेजनी हैं। ट्रैक्टर-ट्रालियों का उपयोग कृषि कार्य के अलावा व्यावसायिक इस्तेमाल भी हो रहा है। इससे बालू, मौरंग, गिट्टी, ईंट, सीमेंट आदि भी ढोई जा रही है। परिवहन विभाग ने व्यावसायिक इस्तेमाल हो रही ट्रैक्टर-ट्रालियों के खिलाफ पिछले कई वर्षों में एक बार भी कार्रवाई नहीं की। कानपुर घटना के बाद परिवहन विभाग नए सिरे से इसके लिए नियम बनाने में जुट गया है। जांच समिति तैयार कर रही दिशा-निर्देश
कानपुर हादसे को लेकर पांच सदस्यीय जांच समिति कृषि और गैर कृषि ट्रैक्टर-ट्राली के रंग में बदलाव करने के अलावा वाहन-4 साफ्टवेयर में ट्रैक्टर का ब्योरा दर्ज करने, हर दो वर्ष में एक बार फिटनेस जांच जरूरी करना व ट्राली के पीछे इंडीकेटर अनिवार्य करने आदि को लेकर नए दिशा-निर्देश तैयार कर रही है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय शासन स्तर पर लिया जाएगा।