बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को एक बार फिर केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। नीतीश कुमार ने केंद्र पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद जैसे राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने शुक्रवार को दावा किया कि जब तक वह जीवित हैं, तब तक वह भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।
समस्तीपुर में एक सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटन करने पहुंचे नीतीश कुमार ने वर्तमान भाजपा नेतृत्व पर अहंकार का आरोप लगाया और अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के युग को याद किया।
उन्होंने कहा कि उन्होंने लालू जी के खिलाफ मामला दर्ज कराया, जिसके कारण मैंने उनसे अपने संबंध तोड़ लिए। इसमें कुछ भी नहीं निकला और अब जब हम फिर से साथ हैं, तो वे नए मामले दर्ज कर रहे हैं। आप इन लोगों के काम करने की शैली का इसी से अंदाजा लगा सकते हैं।
दरअसल, पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का नाम कुछ साल पहले आईआरसीटीसी के होटल घोटाले में आया था। इसमें उनके बेटे तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया था। इसके बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर NDA से हाथ मिला लिया था। राजद अध्यक्ष और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ हाल ही में UPA सरकार में रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद के कार्यकाल से संबंधित नौकरियों के बदले जमीन घोटाले के एक अन्य मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया है।
नीतीश कुमार ने कहा कि पहले हम भाजपा के साथ थे, लेकिन अब हम उनसे अलग हो गए हैं। अटल बिहारी वाजपेयी जी, लालकृष्ण आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी भाजपा के संस्थापक और प्रमुख नेता रहे हैं। उनके साथ भी हमने केंद्र सरकार में भी काम किया। 1998 में अटल जी ने अपनी सरकार में हमें मंत्री बनाया। तीन विभागों के दायित्वों को हमने संभाला। उस समय ढंग से काम होता था। अब के लोग किसी की बात नहीं सुनते हैं।
महागठबंधन का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा कि सभी समाजवादी अब एक साथ आ गए हैं। सब मिलकर बिहार के साथ-साथ देश का विकास करेंगे। दरअसल, महागठबंधन में जदयू के साथ राजद, कांग्रेस समेत अन्य दल भी शामिल हैं। नई सरकार के गठन के बाद नीतीश कुमार विपक्षी नेताओं को एक साथ लाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं।