मुजफ्फरनगर के चरथावल की महिलाओं के हौसले और हुनर के दम पर चरथावल के स्वदेशी उत्पादों की धूम कई प्रांतों में हो रही है। गांव ज्ञानामाजरा राजपूतान गांव में बने देशी गाय के गोबर से दीये दिल्ली में घरों को जगमग करेंगे।
अन्य शहरों में भी मांग
महिलाओं द्वारा तैयार आकर्षक लक्ष्मी-गणेश एवं दीवार घड़ियों की मांग दिल्ली के अलावा जयपुर और हैदराबाद में होने लगी है। इस बार आर्डर मिला और वहां स्वदेशी वस्तुएं आपूर्ति की गई। एक ओर जहां हस्त निर्मित उत्पाद कई प्रदेशों में धूम मचा रहे हैं, वहीं महिलाएं स्वावलंबी बन रही है।
शामली जनपद के थानाभवन की सीमा से सटा चरथावल विकास खंड क्षेत्र का ज्ञानामाजरा गांव मुख्य मार्ग पर स्थित है। यहां कई स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं त्योहारों एवं उत्सवों पर परंपरागत स्वदेशी उत्पाद बनाकर आजीविका चलाती हैं।
पूर्व प्रधान कंवरपाल बताते हैं
पूर्व प्रधान कंवरपाल बताते हैं गाय के गोबर से उत्पादों को तैयार करना यहां की खासियत है। पिछले साल गुजरात में दीयों सप्लाई किए गए थे। इस बार दिल्ली, हैदराबाद और जयपुर में मांग है। वहां माल आपूर्ति कर दिया है। एक किलो गोबर के पिसे पाउडर में 100 ग्राम मैदा लकड़ी, 100 ग्राम गवार गम और 50 ग्राम लकड़ी बुरादा मिलाकर उत्पादों को तैयार किया जाता है।

मांग नहीं कर पाएं पूरी
दुर्गा स्वयं समूह की अध्यक्ष सुमन उपाध्याय बताती हैं कि दो रुपये प्रति दीपक के हिसाब से दिल्ली में भेजे गए है। इस समूह से 11 महिलाएं जुड़ी हैं और कला में निपुणता हासिल कर रोजगार कमा रही हैं। प्रत्येक त्योहारों पर नया करने का जिज्ञासा रहती है।
सीजन के अनुसार भी स्वदेशी उत्पाद तैयार कर बाजार में बेचे जाते हैं। शामली के गांव कुतुबगढ़ के अमित चौधरी की पंजीकृत संस्था माल बाहर प्रदेशों में भेजा जाता है।
हड़ताल के कारण नहीं सजे सरकारी स्टाल
रश्मि वर्मा बताती हैं इस बार करीब एक पखवाड़े राष्ट्रीय सहायता आजीविका मिशन के बीएएम (ब्लाक मिशन मैनेजर) पिछले एक पखवाड़े से ज्यादा समय से हड़ताल पर हैं। जिले में कही भी सरकारी स्टाल नहीं लगे हैं। इसी वजह से लोकल स्तर पर माल नहीं बिक पाया।
हालांकि पहली बार गोबर निर्मित दीवार घड़िया तैयार की गई है। 500 से 1000 रुपये प्रति एक के हिसाब से आर्डर मिला है। इस बार जयपुर और हैदराबाद में गाय के गोबर से बने लक्ष्मी-गणेश की पूजा होगी। इन प्रदेशों से दीवार घड़ियों का मांग अच्छी रही है।