हरियाणा के पानीपत में सात वर्षीय मासूम बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले आरोपी को पुलिस ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है। पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसने तंत्र विद्या में सिद्धि के लिए मानव बलि के नाम पर बच्ची से दुष्कर्म करने के बाद हत्या की थी। आरोपी पहले भी पोक्सो एक्ट में पांच वर्ष की सजा काट चुका है और वर्ष 2019 में ही जेल से बाहर आया था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी यमुनानगर एवं हाल में औद्योगिक क्षेत्र निवासी योगेश उर्फ शिवकुमार हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सिंह ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बच्ची की हत्या करना स्वीकार किया है। उसने तांत्रिक विद्या में निपुण होने के लिए मानव बलि के नाम पर 24 अक्तूबर को दिवाली की रात बच्ची से दुष्कर्म के बाद हत्या की।
आरोपी ने अपने किराये के कमरे के पीछे खाली पड़े प्लॉट में बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर शव वहीं छोड़ दिया और अपने कमरे पर आ गया था। बच्ची के परिजनों के साथ उसे ढूंढने में मदद करने लगा। अगले दिन 25 अक्तूबर की सुबह करनाल में अपनी बहन के घर गया। जहां से दिल्ली चला गया।
रात भर दिल्ली में घूमने के बाद 26 अक्तूबर को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से बंगाल की ट्रेन में बगैर टिकट बैठ गया। पुलिस टीम ने तकनीकी पहलुओं पर छानबीन करते हुए आरोपी को पश्चिम बंगाल में हावड़ा रेलवे स्टेशन से काबू किया। सीआईए-1 की टीम ने आरोपी को हावड़ा के जिला न्यायालय में पेश किया और उसे रिमांड पर लेकर पानीपत आ रही है।
इस प्रकार आया आरोपी पकड़ में
पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने बताया कि छह टीमें विभिन्न पहलूओं पर जांच में लगाई गईं है। आसपड़ोस के सभी लोगों से पूछताछ की। इस दौरान आरोपी के कमरे पर वारदात के बाद से ही ताला लगा मिला। शक के आधार पर पुलिस टीम ने योगेश उर्फ शिवकुमार के बारे में जानकारी जुटाई। उसके फोन की लोकेशन लगातार बदलती रही। यूपी के अलीगढ़, मौजपुर, फिरोजाबद रेलवे स्टेशन के आसपास की लोकेशन मिली। बीच-बीच में मोबाइल को स्विच ऑफ भी कर रहा था। जिसके बाद सीआईए वन की तीन अलग-अलग टीमों को यूपी एवं बंगाल के लिए रवाना किया गया। इनमें से एक टीम हवाई जहाज से कोलकाता पहुंची। हावड़ा जीआरपी के सहयोग से आरोपी को काबू कर पूछताछ की तो वारदात को अंजाम देना स्वीकार कर लिया।
आरोपी का पहले भी अपराधिक रिकॉर्ड रहा है
आरोपी जिला यमुनानगर के थाना शहर में वर्ष 2014 में दर्ज पॉक्सो एक्ट के एक मामले में सजायाफ्ता अपराधी है। आरोपी को उक्त मामले में न्यायालय से वर्ष 2015 में 5 वर्ष की सजा हुई थी। आरोपी वर्ष 2019 में सजा पूरी होने पर जेल से बाहर आया था।