उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि हर जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डेंगू वार्ड तैयार हैं। यहां चिकित्सक, चिकित्साकर्मी से लेकर दवा तक का इंतजाम किया गया है। डेंगू के प्रभावी सर्वेक्षण के लिए प्रदेश के 57 जिलों में 68 एसएसएच एवं दो एपेक्स रेफरल लैब क्रियाशील हैं, यहां डेंगू व चिकनगुनिया की निशुल्क जांच की जा रही है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में एक नवंबर 2022 तक डेंगू के 7134 मरीज मिले हैं, जबकि पिछले साल 29750 से अधिक मिले थे। जिलेवार स्थिति देखें तो प्रयागराज 1171, लखनऊ में 1058, गाजियाबाद में 513, अयोध्या में 458 और जौनपुर में 371 डेंगू मरीज मिले हैं। यहां नियंत्रण के लिए विशेष टीमें लगाई गई हैं। स्वास्थ्य विभाग एवं नगर विकास विभाग लगातार मिलकर कार्य कर रहे हैं। साफ सफाई केसाथ एंटीलार्बल स्प्रे, फॉगिंग, डेंगू बचाव के प्रति जागरुकता अभियान आदि चलाया जा रहा है। प्रदेश के डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में 37374527 घरों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान मच्छर जनित परिस्थितियां दूर नहीं करने पर 8775 लोगों को नोटिस जारी किया गया।
लैब क्रियाशील
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी जिला चिकित्सालयों व परिधिगत चिकित्सालयों में फीवर हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं। प्रदेश के 29 जिलों में कुल 52 कम्पोनेन्ट सेपरेशन यूनिट स्थापित व क्त्रिस्याशील है। डेंगू के प्रभावी सर्वेक्षण के लिए 57 जनपदों में 68 एसएसएच एवं दो एपेक्स रेफरल लैब क्त्रिस्याशील है। डेंगू रोग के उपचार हेतु डेंगू ट्रीटमेन्ट प्रोटोकॉल के सम्बन्ध में प्रत्येक जनपद के 02 चिकित्सकों को प्रदेश स्तर पर प्रशिक्षित किया गया है।
घबराएं नहीं, इलाज कराएं
उपमुख्यमंत्री ने आम जनता से अपील है कि डेंगू को लेकर घबराएं नहीं बल्कि इलाज कराएं। हर बुखार डेंगू बुखार नहीं होता है। रक्त में प्लेटलेट की कमी होना डेंगू बुखार की पुष्टि नहीं करता है, क्योंकि अन्य वायरल बुखार में भी प्लेटलेट में कमी आती है। बुखार होने पर आसपास के सरकारी अस्पताल में इलाज कराएं। चिकित्सकों की सलाह के मुताबिक तरल पदार्थ लें। धीरे- धीरे प्लेटलेट बढ़ जाती हैं। मच्छरदानी का प्रयोग करते हुएं आराम करें। गर्भवती महिला, छोटे बच्चों एवं वृद्ध व्यक्तियों का विशेष ध्यान रखें। कूलर, पानी की टंकी, पुराने टायर आदि की सफाई रखें।