किशनगंज से पकड़ी गई महिला, पाकिस्तानी या अमेरिकी!

बिहार के किशनगंज में नेपाल सीमा से पकड़ी गई महिला की पहचान को लेकर सुरक्षा एजेंसियां चकरघिन्नी हो गई हैं। वह पाकिस्तानी है या अमेरिकी, यह पता नहीं चल पा रहा है। पूछताछ में वह लगातार बरगलाती रही। फिलहाल उसे दोहरी नागरिकता के जुर्म में जेल भेज दिया गया है। 

वह अपने दो नाम फरीदा मलिक और सना अख्तर बता रही है। वह खुद को पाकिस्तानी मूल की अमेरिकी नागरिक बता रही है। उसे गुरुवार को अवैध दस्तावेजों से नेपाल में घुसने का प्रयास करते हुए सशस्त्र सीमा बल (SSB) के जवानों ने पकड़ा था। पूछताछ में उसने कभी भारत में अपना ससुराल बताया तो कभी ननिहाल। वह भारत में भाई के रहने की भी बात बताकर पुलिस को गुमराह कर रही है। 

तीन मोबाइल, एक टैब, दो मेमोरी कार्ड खोलेंगे राज
उसके पास से बरामद तीन मोबाइल फोन, एक टैब और दो मेमोरी कार्ड जब्त किए गए हैं। अब उसके ये इलेक्ट्रानिक उपकरण उसकी पहचान, दो नामों की वजह और भारत आने का राज खोलेंगे। पूछताछ में अभद्र व बेरुखे व्यवहार तथा बरगलाने वाली बातों से उसके बारे में शंकाएं पैदा हो रही हैं। फिलहाल उसे दोहरी नागरिकता के आरोप में जेल भेजा गया है। 

उसके पास से दो नामों से बने हवाई टिकट और बोर्डिंग पास की भी जांच जारी है। सुरक्षा एजेंसियां पता लगा रही हैं कि वह देश में कहां-कहां गई थी और उसका वहां के किन लोगों से संपर्क था? उसके पास मिले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से उसकी लोकेशन हिस्ट्री तथा भारत व नेपाल में संपर्कों का खुलासा हो जाएगा। इन उपकरणों की उच्च स्तरीय एजेंसियों से जांच कराई जाएगी। 

विभाजन के बाद जयपुर से कराची चली गई थी
अब तक की पड़ताल से पता चला है कि महिला व उसके परिजन पहले जयपुर में रहते थे, लेकिन विभाजन के वक्त कराची चले गए थे। गिरफ्तार महिला ने अपना ननिहाल अजमेर में बताया है। वह 1984 में पाकिस्तान से अमेरिका के वर्जिनिया चली गई थी। उसने 1992 में अमेरिकी ग्रीन कार्ड हासिल कर लिया और वहां की नागरिक बन गई। बाद में वह वर्जिनिया से कैलिफोर्निया में में रहने लगी। इसी बीच उसने एक भारतीय से शादी कर ली। कुछ साल बाद उसका तलाक हो गया और उसका पति भारत लौट आया। 

2019 में 11 माह उत्तराखंड की जेल में रही
2019 में भी वह भारत आई थी, लेकिन वीजा की मियाद खत्म होने पर उसे  उत्तराखंड में भारत-नेपाल सीमा से एसएसबी ने गिरफ्तार किया था। तब वह 11 माह तक उत्तराखंड की जेल में रही थी। सजा खत्म होने पर उसे अमेरिका भेज दिया गया था। इसके बाद फिर वह अवैध तरीके से भारत पहुंच गई थी।

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