दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने एमसीडी चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए पूरी ताकत लगा रखी थी, लेकिन वार्ड नंबर-31 नांगल ठाकरान के तहत आने वाले कटवेड़ा गांव के लोगों ने समस्याओं का समाधान नहीं होने से चुनाव का बहिष्कार कर दिया। गांव में एक भी मतदाता ने वोट नहीं डाला।गांव के लोग केंद्र तक तो आए, लेकिन एक भी ग्रामीण ने मतदान नहीं किया। पोलिंग बूथों पर किसी भी दल का एजेंट भी नहीं था। चुनाव अधिकारियों व कर्मचारियों ने आपस में बात करके जैसे तैसे समय बिताया। गांव में तीन पोलिंग बूथ हैं और 3500 से अधिक मतदाता हैं। कटेवड़ा निवासी विशाल वत्स ने बताया कि उनके गांव की केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और एमसीडी सुध नहीं ले रही है। गांव की सभी सड़कें टूटी पड़ी हैं। गलियों में भी जगह-जगह गड्ढे बने हुए है। गंदे पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं है और नालियां टूटी होने से गंदा पानी गलियों में जमा रहता है। गांव में सफाई भी नहीं कराई जाती। ग्रामीणों को अपने मकानों का ही मालिकाना हक नहीं मिल रहा है। गांव में शहर जैसी एक भी सुविधा नहीं है।