बिलाबॉन्ग स्कूल में तीन साल की मासूम से दुष्कर्म मामले में ड्राइवर को उम्रकैद

मध्यप्रदेश के भोपाल की एक अदालत ने बिलाबॉन्ग स्कूल में तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में बस ड्राइवर हनुमंत जाटव को उम्रकैद की सजा सुनाई है। महिला केयरटेकर उर्मिला साहू को भी बीस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने शनिवार को दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया था और सोमवार को सजा सुनाई। कोर्ट की सजा सुनते ही उर्मिला साहू रोने लगी। वह अपने बच्चों को याद कर बार-बार कहती रही कि ‘जज साहब मैंने कुछ नहीं किया’।

 भोपाल की विशेष जज शैलजा गुप्ता की कोर्ट में सोमवार को दोनों दोषियों को पेश किया गया। कोर्ट ने हनुमंत जाटव पर 376 (एबी), 376(2) एन 5 एफ, एल,एम/6  पॉक्सो एक्ट में दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 32 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उर्मिला साहू को भी सहयोग करने के लिए दोषी माना और 20 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने सोमवार को उर्मिला को सहपठित धारा 109 तथा पॉक्सो 16/17 में दोषी पाया था।

सिर्फ तीन महीने में पूरी हो गई मुकदमे की कार्यवाही
8 सितंबर को भोपाल के नीलबड़ स्थित बिलाबॉन्ग स्कूल बस में तीन साल की बच्ची के साथ घटना हुई थी। बच्ची के साथ बस ड्राइवर ने दुष्कर्म किया था। बस की केयरटेकर ने भी उसका साथ दिया था बच्ची के परिजनों ने पुलिस कमिश्नर को शिकायत की थी। इसके बाद मामले में महिला थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर बस ड्राइवर और केयरटेकर को गिरफ्तार किया था। इस मामले में परिजनों के स्कूल प्रबंधन से शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की थी। इस मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी गंभीरता से लिया था और मामले में तेजी से जांच करने के निर्देश दिए थे। पुलिस ने 32 लोगों से पूछताछ के बाद 20 दिन में कोर्ट में चालान पेश किया था। इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद शनिवार को दोनों आरोपियों को दोषी पाया था। स्कूल प्रबंधन की कार्यप्रणाली को लेकर अलग से एक केस चल रहा है।

बच्ची के कपड़े बदले गए थे
बच्ची के स्कूल से घर आने पर मां को शक हुआ था। बच्ची के कपड़े बदले गए थे। कपड़े बदलने को लेकर स्कूल टीचर और प्रबंधन परिजनों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए थे। बस का सीसीटीवी भी खराब था। इस मामले में परिजनों ने पुलिस को शिकायत की थी। परिजनों ने बताया था कि बच्ची के बस ड्राइवर पर बेड टच करने और उसके होंठ चूमने और प्राइवेट पार्ट में फिंगरिंग और हाथ फेरने की बात बताई थी। परिजनों ने बस ड्राइवर पर कार्रवाई करने की मांग की थी। स्कूल की तरफ से मामले में बच्ची के कपड़े पर पानी गिरने पर बदलने की बात कही थी।

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